उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य की डबल इंजन सरकार के प्रयासों के कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश में छह से सात वर्षों में इंसेफेलाइटिस को पूरी तरह से समाप्त कर हो गया है, बस इसकी घोषणा होना बाकी है।
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में छत पर लगाये गये सौर ऊर्जा संयंत्र का लोकार्पण तथा एम.बी.बी.एस छात्रों के लिए जी प्लस-पांच प्रशासनिक भवन का शिलान्यास किया।
आदित्यनाथ ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा, ‘‘पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहली बार इंसेफेलाइटिस बीमारी वर्ष 1977-78 में आई थी। इससे प्रतिवर्ष 1200 से 1500 बच्चों की मौत होती थीं।
विगत छह-सात वर्षों में डबल इंजन सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाकर इंसेफेलाइटिस को समाप्त करने का अभियान आगे बढ़ाया। अब इस बीमारी को पूरी तरह नियंत्रित किया चुका है। केवल उसके समाप्त होने की घोषणा बाकी है। यह अपने आप में मॉडल है। इस सफलतम अभियान का केंद्र बिंदु गोरखपुर मेडिकल कॉलेज बना था।’’
उन्होंने प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘ वर्ष 1977-78 से लेकर 2017 तक सरकारों ने इंसेफेलाइटिस खत्म करने के बारे में सोचा भी नहीं। जब मैं 2017 में मुख्यमंत्री बना तो मैंने इसे खत्म करने और इसके उन्मूलन के लिए एक मॉडल बनाने पर विचार किया। मैं कुशीनगर गया और मुसहरों (समुदाय) के बीच स्वच्छता अभियान चलाया।’’
आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘ मैंने उन्हें स्वच्छता के तरीके समझाए और साबुन के उपयोग के बारे में जानकारी दी। उस समय मुझे तीन दिवसीय मीडिया ट्रायल का सामना करना पड़ा।
मीडिया ने गरीबों को साबुन बांटने वाले मुख्यमंत्री का मजाक उड़ाया। लेकिन जब कोरोना (कोविड-19) आया तो ट्रायल करने वाले मीडिया सहयोगियों को भी साबुन और स्वच्छता का महत्व समझ में आ गया।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि यह मेडिकल कॉलेज हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा का वाहक बन रहा है। इसके साथ ही कॉलेज में बढ़ीं 50 एमबीबीएस सीट के लिए नये प्रशासनिक भवन के शिलान्यास का कार्यक्रम संपन्न हो रहा है।