कितनी होती है स्मार्टफोन की लाइफ, 99% लोगों को नहीं पता सही जानकारी

कितनी होती है स्मार्टफोन की लाइफ, 99% लोगों को नहीं पता सही जानकारी

किसी भी सामान की एक एक्सपायरी डेट होती है. एक्सपायरी डेट के आते ही वह सामान इस्तेमाल करने लायक नहीं रह जाता. यानी उस सामान की लाइफ खत्म हो जाती है. लेकिन क्या आपको पता है कि जो स्मार्टफोन आप चला रहे हैं, उसकी एक्सपायरी डेट क्या है और वह कहां लिखी होती है या उसे कब तक यूज किया जा सकता है.

स्मार्टफोन आज हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है. आज स्मार्टफोन का इस्तेमाल सिर्फ कॉलिंग के लिए ही नहीं, बल्कि फोटोज शेयर करने, खाना आर्डर करने और टिकट बुक करने तक के लिए किया जा रहा है. ऐसे में आपको यह जरूर जानना चाहिए कि आप अपना स्मार्टफोन कबतक चला सकते हैं और वह कब एक्सपायर हो जाएगा.

क्या होती है स्मार्टफोन की एक्सपायरी डेट?

स्मार्टफोन एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जिसकी बैटरी में किसी भी अन्य इलेक्ट्राॅनिक डिवाइस की तरह केमिकल का यूज किया जाता है जो एक समय के बाद एक्सपायर हो जाता है. अजकल के स्मार्टफोन फिक्सड बैटरी के साथ आते हैं, जिनकी बैटरी अगर खराब हो गई तो आप उसे बदल नहीं सकते. बैटरी के खराब होने के बाद लोग स्मार्टफोन को डंप कर देते हैं.

जहां तक स्मार्टफोन की बात है, तो आप उसे चाहे कितने साल भी यूज कर लें वह एक्सपायर नहीं होता. दरअसल, स्मार्टफोन की कोई तय एक्सपायरी डेट नहीं होती. लेकिन कुछ ऐसे कारण होते हैं जिसके वजह से स्मार्टफोन खराब हो जाते हैं, भले ही आपने उसे एक दिन भी अच्छे से यूज न किया हो. स्मार्टफोन में जबतक कोई बड़ी गडबड़ी न आए वह काम करता रहता है. यह गड़बड़ी बैटरी, सर्किट बोर्ड या वायरिंग की हो सकती है.

कितनी होती है स्मार्टफोन की लाइफ?

मार्केट में मिलने वाला अच्छे ब्रांड का स्मार्टफोन सालों-साल आपका साथ निभाएगा. स्मार्टफोन में ऐसे चिप और पार्ट्स का इस्तेमाल किया जाता है जो लंबे समय तक चलते हैं, बशर्ते आप फोन का इस्तेमाल संभाल कर करें. कई फोन तो 8-10 साल तक बिना किसी परेशानी के चल जाते हैं. हां उसकी बैटरी आपको बीच में कभी बदलवानी पड़ सकती है.

फोन नहीं साॅफ्टवेयर हो जाता है डेड

हालांकि, आजकल स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियां काफी चालाक हो गई हैं. ज्यादातर कंपनियां 2-3 साल बाद स्मार्टफोन में सॉफ्टवेयर अपडेट देना बंद कर देती हैं. जिससे ज्यादा पुराने स्मार्टफोन यूज करने लायक नहीं रह जाते और आपको हार मानकर स्मार्टफोन बदलना पड़ता है. कंपनियां दो-तीन साल बाद एक्सेसरीज भी बनान बंद कर देती हैं, जिसके वजह से रिपयर के समय पार्ट्स नहीं मिलते. कंपनियां ये इसलिए करती हैं ताकि लोग नए स्मार्टफोन खरीदें और उनका कारोबार चलता रहे.

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