पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार ने उन 21 लाख मनरेगा श्रमिकों के बैंक खातों में धन अंतरण शुरू कर दिया है जिन्होंने 100 दिन की योजना के तहत काम किया था लेकिन उन्हें केंद्र सरकार से भुगतान नहीं मिला।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने यहां एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमारा (पश्चिम बंगाल का) करीब 1.16 लाख करोड़ रुपये बकाया है। जिन लोगों ने 100 दिन की योजना के तहत काम किया है, उन्हें पिछले तीन वर्ष से उनका मेहनताना नहीं मिला है। इक्कीस लाख जॉब कार्ड धारक हैं जिन्हें पैसा नहीं मिला है। केंद्र सरकार ने धनराशि जारी नहीं की। हमने उनके संबंधित खातों में धन अंतरण शुरू कर दिया है।’’
ममता बनर्जी ने हाल में राज्य का बकाया जारी करने की मांग को लेकर शहर में 48 घंटे का धरना दिया था। उन्होंने घोषणा की कि उनकी सरकार 21 फरवरी तक राज्य के 21 लाख मनरेगा श्रमिकों के बैंक खातों में धनराशि अंतरित कर देगी।
तृणमूल कांग्रेस महासचिव अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में अपनी पार्टी के विरोध-प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘कार्यकर्ता, सांसद, विधायक और ब्लॉक अध्यक्ष सभी लोग ट्रेन रद्द होने के बावजूद (दिसंबर में) नयी दिल्ली गए। वे अभिषेक के नेतृत्व में बस से वहां गए। मैंने पहले 48 घंटे तक धरना दिया था और इसके (धनराशि) लिए प्रधानमंत्री से एक से अधिक बार मुलाकात की थी।’’
बनर्जी ने आवास योजना के लिए धनराशि के संबंध में एक और घोषणा करने की योजना का भी उल्लेख किया। बुधवार को बैठक में बनर्जी ने मुख्य सचिव बी.पी. गोपालिका को ‘योग्यश्री’ केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 50 करने का निर्देश दिया।
इसके अलावा, उन्होंने आदेश दिया कि सामाजिक कल्याण योजना के तहत मुफ्त प्रशिक्षण केवल अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणियों के लिए ही नहीं, बल्कि सामान्य श्रेणी के छात्रों के लिए भी उपलब्ध कराया जाए।
‘योग्यश्री’ योजना का उद्देश्य एससी और एसटी पृष्ठभूमि के छात्रों को प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए मुफ्त प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिससे वे सरकारी एवं सिविल सेवाओं में करियर बना सकें।