फिजिकल हार्म: किसी क्रैक्ड या टूटी हुई स्क्रीन में शार्प एज हो सकते हैं जो आपको चोट भी पहुंचा सकते हैं. फोन चलाते वक्त आपकी उंगलियां जख्मी हो सकती हैं और टूटे हुए बारीक कंपोनेंट अंदर की तरफ जा भी सकते हैं.
टचस्क्रीन पर पड़ सकता है असर: टूटी हुई स्क्रीन के साथ फोन इस्तेमाल करने पर टचस्क्रीन का रिस्पॉन्स आपको पहले की तरह मिले ऐसा जरूरी नहीं है. इससे एक दिकक्त ये हो सकती है कि आप फंक्शन कोई और सेलेक्ट करना चाह रहे हों और सेलेक्ट कुछ और हो जाए. इससे आप किसी समय बड़े खतरे में भी पड़ सकते हैं.
वाटर डैमेज: फोन में क्रैक होने की वजह से मॉइस्चर फोन में आसानी से एंटर कर सकता है. इससे फोन के इंटरनल कंपोनेंट्स डैमेज हो सकते हैं. ऐसे में फोन पूरी तरह काम करना बंद भी कर सकता है.
जा सकती है धूल और गंदगी: फोन में टूटी हुई स्क्रीन होने की वजह से धूल और गंदगी एंटर कर सकती है. जो कि धीरे-धीरे मोटी परत में तब्दिल हो सकती है. इससे फोन की परफॉर्मेंस पर असर हो सकता है और ओवरहीटिंग जैसी समस्या हो सकती है.
छोटा क्रैक हो सकता है बड़ा: अगर आपके फोन में छोटा सा क्रैक हो तो उसे तुरंत ही ठीक कर लें. क्योंकि ऐसा नहीं करने पर क्रैक बड़ा हो सकता है और फोन अचानक ही पूरी तरह से काम करना बंद कर सकता है.
घट जाएगी रिसेल वैल्यू: टूटी स्क्रीन वाले फोन की रिसेल वैल्यू घट सकती है. ऐसे में अगर आप फोन को सेल करना चाहते हैं तो पहले इसकी स्क्रीन को ठीक करा लें.