झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन कल विधानसभा में बहुमत साबित करने वाले हैं। इसके लिए उन्होंने आज राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा भी की। बता दें, फ्लोर टेस्ट में भाग लेने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा और उसके सहयोगी गठबंधन के करीब 40 विधायक वापस झारखंड लौट रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड में राजनीतिक भूचाल आ गया था। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने इन विधायकों को पाला बदलने से रोकने के लिए हैदराबाद के पास एक रिसॉर्ट में भेज दिया था।
सत्तारूढ़ गठबंधन को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 41 का आंकड़ा चाहिए। फिलहाल उनके पास कुल 46 विधायक हैं। इस आंकड़े के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन आसानी से फ्लोर टेस्ट पास कर लेगा। बीजेपी और सहयोगी दलों की बात करें तो उनके पास 29 विधायक हैं। बता दें, हेमंत सोरेन भी फ्लोर टेस्ट में भाग लेंगे। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत ने उन्हें फ्लोर टेस्ट में भाग लेने की इजाजत दी है।
ये पहला मौका नहीं है जब झारखंड मुक्ति मोर्चा को फ्लोर टेस्ट से गुजरना पड़ रहा है। इससे पहले सितंबर 2022 में हेमंत सोरेन ने विधानसभा में शक्ति प्रदर्शन किया था। उन्होंने 48 वोटों के साथ फ्लोर टेस्ट पास किया था।