भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। इस बारे में घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में शामिल आडवाणी का भारत के विकास में महान योगदान है। उन्होंने अपने जीवन में जमीनी स्तर पर काम करने से शुरुआत कर हमारे उपप्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना ‘‘मेरे लिए एक बहुत ही भावुक क्षण’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘आडवाणी जी ने अपने सार्वजनिक जीवन में दशकों तक सेवा करते हुए पारदर्शिता और अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता जताई और राजनीतिक नैतिकता में एक अनुकरणीय मानक स्थापित किया। उन्होंने राष्ट्र की एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में अद्वितीय प्रयास किए हैं।’’ मोदी ने कहा, ‘‘उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है। मैं इसे हमेशा अपना सौभाग्य मानूंगा कि मुझे उनके साथ बातचीत करने और उनसे सीखने के अनगिनत अवसर मिले।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि आडवाणी (96) को यह सम्मान दिया जाएगा। मोदी ने सबसे लंबे समय तक भाजपा के अध्यक्ष रहे आडवाणी से बात कर उन्हें बधाई भी दी।
आडवाणी को भारत रत्न दिये जाने की खबर सामने आते ही उनके पृथ्वीराज रोड स्थित सरकारी आवास पर बधाई देने वालों और मीडियाकर्मियों का तांता लग गया। आडवाणी स्वास्थ्य कारणों से सबके बीच नहीं आ सके लेकिन दूर से ही हाथ जोड़ कर अभिवादन स्वीकार किया। इस दौरान उनकी बेटी भी साथ थीं। आडवाणी को भारत रत्न दिये जाने की घोषणा के बाद उनके आवास पर मिठाई बंटने लगी। प्रतिभा आडवाणी ने अपने पिता का मुंह मीठा कराया इस दौरान आडवाणी काफी भावुक नजर आये। बाद में मीडिया से बातचीत में प्रतिभा आडवाणी ने कहा, मुझे और पूरे परिवार को बहुत खुशी है। उन्होंने कहा कि निश्चित ही आज मुझे जिसकी सबसे ज्यादा याद आ रही है वो मेरी मां हैं, जिनका दादा (लालकृष्ण आडवाणी) के जीवन में बहुत बड़ा योगदान रहा है। प्रतिभा ने कहा कि मैंने जब दादा को बताया तो वे बहुत खुश थे। उन्होंने यही बात बोली कि उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगाया और देश के शुक्रगुजार हैं। प्रतिभा आडवाणी ने कहा, जीवन भर वे (लालकृष्ण आडवाणी) कम शब्दों वाले इंसान रहे लेकिन स्वाभाविक तौर पर उनकी आंखों में आंसू थे। इस बात की संतुष्टि और खुशी दोनों है कि उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगाया। उनके जीवन के इस पड़ाव पर उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जाना बहुत बड़ी बात है।
वहीं आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा पर उनके बेटे जयंत आडवाणी ने कहा, कुछ समय पहले मैंने इस खबर के बारे में सुना कि मेरे पिता को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। मेरा परिवार इससे बेहद प्रसन्न है। मैं मेरे पिता को इस पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं... मेरे पिता का योगदान सराहनीय है।
हम आपको बता दें कि आडवाणी को उस समय 90 के दशक में भाजपा के उदय का श्रेय दिया जाता है जब वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकारों की प्रमुख पार्टी के रूप में पहली बार सत्ता में आई थी। खास बात यह है कि आडवाणी को उसी वर्ष भारत रत्न दिया जाएगा, जब राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई है। आडवाणी ने राम मंदिर के मुद्दे को उठाने के लिए ही 1990 में ‘राम रथ यात्रा’ की थी। भाजपा को दो सांसदों से 200 सांसदों वाली पार्टी बनाने वाले आडवाणी के प्रयासों से ही भाजपा पूरे देश में मजबूत हुई। आडवाणी के चलते ही नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे जोकि बाद में देश के प्रधानमंत्री पद तक पहुँचे। मोदी ने पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी फिर आरएसएस के प्रमुख नेता नानाजी देशमुख और अब आडवाणी को भारत रत्न देकर अपने गुरुओं का भी सम्मान किया है। मोदी सरकार आडवाणी को इससे पहले देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान माने जाने वाले पद्म विभूषण से भी नवाज चुकी है।
हम आपको बता दें कि भारत में आजादी के बाद सबसे सफल आंदोलन चलाने वाले आडवाणी को भारत रत्न दिये जाने को लेकर जहां भाजपा नेता सरकार का धन्यवाद व्यक्त कर रहे हैं वहीं अखिलेश यादव समेत कुछ नेता कटाक्ष भी कर रहे हैं। आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, यह भारत रत्न अपने वोट को बांधने के लिए दिया जा रहा है।