ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में अदालत व्यास जी के तहखाना में पूजा पाठ की इजाजत दे चुकी है, इसके बाद बनारस में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। व्यास जी तहखाना में जिला जज द्वारा दिए गए आदेश के बाद यहां पूजा अर्चना शुरू हो गई है। अदालत के पैसे से एक तरफ जहां हिंदू पक्ष में खुशी का माहौल है वहीं मुस्लिम पक्ष विरोध करने में उतरा हुआ है। इस फैसले से मुस्लिम पक्ष नाराज है।
अदालत के फैसले के खिलाफ मुस्लिम समाज ने शुक्रवार को बनारस बंद की घोषणा की है। बंद की घोषणा अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से हुई है। इस दौरान मुस्लिम इलाकों की सभी दुकानों को बंद रखा जाएगा। मुस्लिम पक्ष ने जनता से भी अपील की है कि वह नमाज बेहद शांतिपूर्ण तरीके से पढ़े। इस संबंध में कमेटी ने पत्र भी जारी किया है।
इस पत्र में अपील की गई है कि मुस्लिम पक्ष से बंद रखने को कहा गया है। पत्र में लिखा गया कि जिला जज वाराणसी के फैसले की बुनियाद पर जिला इंतिजामिया ने मस्जिद ज्ञानवापी के तहखाने कमें पूजा पाठ का इंतजाम किया है। यहां पूजा पाठ की शुरुआत हो गई है। इस फैसले के खिलाफ दो फरवरी को कारोबार और दुकानें बंद रखी जाएंगी। इस बंद के दौरान सभी से अमन बरकरार रखने की अपील की गई है।
कमेटी ने दी है यह दलील
अदालत में दाखिल अपील में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के न्यासी मंडल और आचार्य वेदव्यास पीठ मंदिर के पुजारी शैलेंद्र कुमार पाठक को पक्षकार के रूप में शामिल किया गया है। वाराणसी की अदालत के फैसले के खिलाफ यह अपील दाखिल की गई है। दलील में कहा गया है कि यह वाद स्वयं में पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के तहत पोषणीय नहीं है। वाद में दावा किया गया है कि तहखाना का व्यास परिसर के स्वामित्व में होने या पूजा के लिए देखरेख कि जाने की चर्चा नहीं की गई थी।
पुलिस है मुस्तैद
गौरतलब है कि मुस्लिम पक्ष द्वारा बंद बुलाए जाने के बाद ज्ञानवापी परिसर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया गया है। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के पास बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। शुक्रवार को होने वाली नमाज को देखते हुए पुलिस ने सतर्कता बरती हुई है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस फ्लैग मार्च भी कर रही है।