अंतरिम बजट समावेशी और नवोन्वेषी बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसमें निरंतरता का भरोसा है। यह विकसित भारत के सभी 4 स्तंभों- युवा, गरीब, महिला और किसान को सशक्त बनाएगा। यह बजट 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की गारंटी देता है। उन्होंने कहा कि इस बजट में युवा भारत की युवा आकांक्षाओं की झलक है। बजट में दो अहम फैसले किये गये। रिसर्च और इनोवेशन के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के फंड का ऐलान किया गया है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बजट में राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखते हुए पूंजीगत व्यय को 11,11,111 करोड़ रुपये की ऐतिहासिक ऊंचाई दी गई है। उन्होंने कहा कि अर्थशास्त्रियों की भाषा में कहें तो एक तरह से यह स्वीट स्पॉट है। इससे भारत का 21वीं सदी का आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होने के साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के असंख्य नए अवसर तैयार होंगे। उन्होंने कहा कि यह बजट गरीबों और मध्यम वर्ग के सशक्तिकरण और उनके लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने पर जोर देता है। गरीबों के लिए 2 करोड़ और घर बनाने का ऐलान किया गया है. हमारा लक्ष्य अब 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का है। आशा और आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलेगा।
मोदी ने कहा कि आयकर छूट योजना से मध्यम वर्ग के 1 करोड़ लोगों को राहत मिलेगी। इस बजट में किसानों के लिए अहम फैसले लिए गए हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्रीय बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करने का रोडमैप तैयार करता है। उन्होंने कहा कि बजट भाषण अमृत काल के दौरान भारत को हर क्षेत्र में अग्रणी राष्ट्र बनाने की अपनी यात्रा में मोदी सरकार द्वारा पिछले 10 वर्षों में हासिल किए गए मील के पत्थर पर प्रकाश डालता है। इन्हीं उपलब्धियों की नींव पर, विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण किया जा रहा है।
बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह बेहद प्रभावी और ऐतिहासिक अंतरिम बजट है. इसमें अतीत की उपलब्धियों और भविष्य के लिए एक मजबूत रास्ते का उल्लेख है। हम जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेंगे...करदाताओं की संख्या बढ़ी है। उन्हें सरकार पर भरोसा है कि उनके पैसे का दुरुपयोग नहीं होगा... भारत ने केवल 10 वर्षों में फ्रैजाइल 5 से दुनिया की टॉप 5 अर्थव्यवस्थाओं तक का सफर तय किया है। बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि अंतरिम बजट में, आप कोई नया प्रस्ताव नहीं लाते हैं और यह उन खर्चों के लिए संसद की मंजूरी लेने की एक प्रक्रिया है जो आपको अगले कुछ महीनों में करना होगा क्योंकि हम अगले चुनाव में जा रहे हैं।