Gyanvapi Case: 31 साल बाद आरती से गूंज उठा व्यासजी का तहखाना, अखंड ज्योति प्रचंड कर क्या बोले कमिश्नर?

Gyanvapi Case: 31 साल बाद आरती से गूंज उठा व्यासजी का तहखाना, अखंड ज्योति प्रचंड कर क्या बोले कमिश्नर?

बनारस तो अभी नींद के आगोश में था, लेकिन ज्ञानवापी के बाहर देर रात से ही काफी गहमागहमी थी. हूटर बजाती गाड़ियों के आने जाने का क्रम चल ही रहा था कि रात के दो बज गए. ठीक इसी समय ज्ञानवापी में व्यास जी के तहखाने से आरती की सुमधुर आवाज आने लगीं. घंटे घड़ियाल बजने लगे. ऐसा यहां करीब 31 साल बाद हो रहा था. ठीक उसी समय ज्ञानवापी के बाहर सैकड़ों की संख्या में भक्तगण भी मौजूद थे. जैसे ही घंटे घड़ियाल और आरती की गूंज बाहर तक पहुंची, जो जहां था, वहीं ताली बजाने लगा.

उसी समय हर हर महादेव के नारे से पूरा परिसर गूंज गया. आरती के बाद बाहर आए बनारस के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि कोर्ट के आदेश का पालन हो चुका है. ज्ञानवापी मामले में हिन्दू पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के पुजारी ने व्यास जी के तहखाने में मूर्तियां रखवाई, शयन आरती कराई और फिर वहां अखंड ज्योति प्रचंड की गई है. उन्होंने बताया कि अब यहां सभी देवताओं की दैनिक आरती होगी.

अब नियमित होगी आरती

यह आरती एक बार नहीं बल्कि, सुबह मंगला आरती फिर भोग आरती तो शाम को संध्या आरती फिर सूर्यास्त आरती के बाद शयन आरती कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला अभूतपूर्व है और सभी पक्षों को इसका सम्मान करना चाहिए. उधर, हिन्दू पक्ष के पैरोकारों ने भी कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जताई है. साथ ही मंदिर के अंदर हुई पूजा में नहीं जाने दिए जाने पर गुस्सा भी जाहिर किया है. कहा कि भक्तगण 31 साल से इंतजार कर रहे थे. मंदिर खुला भी तो आम भक्तों का प्रवेश रोका गया है.

किसी वादी को नहीं मिली एंट्री

पुलिस ने बताया कि मंदिर में किसी वादी को अंदर जाने की अभी अनुमति नहीं मिली है. इसलिए हिन्दू पक्ष के पैरोकारों को भी अंदर नहीं जाने दिया गया. बता दें कि ज्ञानवापी में व्यास जी का तहखाना कोर्ट की अनुमति से खोला गया है. कोर्ट ने मंगलवार को ही तहखाने में पूजा की अनुमति देते हुए 7 दिन में जरूरी इंतजाम करने को कहा था. कोर्ट के इस फैसले के तहत बुधवार की ही देर रात गनेश्वर शास्त्री द्रविड़, काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के मुख्य पुजारी ओमप्रकाश मिश्रा के अलावा मंदिर ट्रस्ट के पदेन अध्यक्ष और बनारस के कमिश्नर कौशल राज शर्मा, मंदिर प्रशासन के पूर्व एवं वर्तमान सीइओ आदि तहखाने में पहुंचे और पूजा विधान को पूरा किया.

बाबरी विध्वंस के बाद बंद हुई थी पूजा

आरती के बाद बाहर आए बनारस कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि कोर्ट के आदेश का पालन हो चुका है. बता दें कि साल 1993 तक व्यास जी के तहखाने में पूजा होती रही है. हालांकि 6 दिसंबर 1992 में बाबरी विध्वंस के कुछ दिन बाद ही उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पूजा को बंद कर दिया था. उसके बाद से ही तहखाने में ताला लगा था, हालांकि यहां पर साल में एक बार माता श्रृंगार गौरी की पूजा होती आ रही है. बता दें कि वाराणसी कोर्ट ने बुधवार की शाम को 3 बजे फैसला दिया था. इसके बाद रात में 11 बजे तक सभी तैयारियां पूरी की गई और करीब डेढ़ बजे से व्यास जी के तहखाने में पूजा और आरती हुई.

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