भारतीय टीम के खिलाफ इंग्लैंड की स्पिनर आक्रमण को कमजोर आंका जा रहा था लेकिन उन्होंने सबको गलत साबित कर दिया. भारत को पांच मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में 28 रन से हराने वाले इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने इस दौरे से पहले ही कहा था कि टीम में जिन खिलाड़ियों का चयन हुआ है. वे भारत को उसकी धरती पर मात देने का हमें सर्वश्रेष्ठ मौका देने में सक्षम हैं.
टॉम हार्टले ने अपने पहले टेस्ट में ही भारत की दूसरी पारी में सात विकेट लेकर इंग्लैंड को 28 रन से यादगार जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. इंग्लैंड की टीम हैदराबाद में खेले गये पहले टेस्ट में सिर्फ एक तेज गेंदबाज मार्क वुड के साथ मैदान में उतरी और उसकी यह रणनीति कामयाब रही.
स्टोक्स ने भारत के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज के शुरुआती मुकाबले से पहले ‘जियो सिनेमा’ को दिए साक्षात्कार में कहा था, ‘‘मुझे लगता है कि कभी-कभी अनुभवहीनता को ज्यादा बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है. इसमें हालांकि कोई संदेह नहीं है कि अनुभवी खिलाड़ी खास कर इन परिस्थितियों में अधिक सहज महसूस करता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस दौरे के लिए हमने जिन स्पिनरों को चुना है, हमें लगता है कि वे हमें भारत को हराने का सबसे अच्छा मौका देंगे. मेरे लिए, यह सिर्फ स्पिनरों के बारे में नहीं है. यह उनके पास मौजूद प्रतिभा को समझना और उन्हें वहां जाकर उस प्रतिभा को व्यक्त करने की छूट देने के बारे में है. हम चाहते हैं कि वे परिणाम के बारे में ज्यादा चिंता किये बिना अपने खेल पर ध्यान केंद्रित करें.’’
इस सीरीज से पहले इंग्लैंड के खेमें में स्पिन गेंदबाजों की अनुभवहीनता की चर्चा हो रही थी लेकिन स्टोक्स ने कहा कि वह ऐसी बातों को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘एक गेंदबाज के तौर पर आपका का विकेट लेना होता है. एक बल्लेबाज के तौर पर आपका काम रन बनाना होता है. इसके बारे में इससे ज्यादा सोचने से चीजें जटिल होने लगती है. मैं खिलाड़ियों के मन से नतीजे को लेकर डर और चिंता को दूर कर रहा हूं.’’