अयोध्या में साढ़े पांच सौ साल के संघर्ष के बाद आखिरकार भगवान राम को उनका अपना घर मिल गया है. रामलला टेंट से निकल कर भव्य और दिव्य मंदिर में पहुंच चुके हैं. अब बारी उनकी सेना यानी राम मंदिर की सुरक्षा में तैनात जवानों की है. सरकार ने इन जवानों को भी आवास देने का फैसला किया है. यह आवास मंदिर परिसर से थोड़ी दूरी पर बनेंगे, लेकिन यहां से मंदिर तक का आवागमन बेहद आसान होगा. इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने जमीन चिन्हित कर ली है.
जल्द ही यह जमीन केंद्रीय गृह मंत्रालय को आवंटित कर दी जाएगी. इसके बाद निर्माण कार्य शुरू हो सकेगा. बता दें कि राम मंदिर की सुरक्षा में केंद्रीय सुरक्षा बलों के अलावा पुलिस और पीएसी के जवान तैनात हैं. पुलिस के जवान तो पुलिस लाइन में रहते हैं, लेकिन पीएसी और केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान मंदिर परिसर में ही टेंट हाउस बनाकर रहते हैं. ऐसे में उन्हें बुनियादी सुविधाओं के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. ऐसे हालात में वह अपने परिवार के साथ नहीं रह पाते.
18.08 एकड़ जमीन पर बनेगा आवास
यदि किसी जवान या अफसर को परिवार के साथ रहना होता है तो किराए पर घर लेना होता है. जवानों की इस परेशानी को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने माध्यमिक शिक्षा विभाग की खाली पड़ी 18.08 एकड़ जमीन केंद्रीय गृह मंत्रालय को मुफ्त में देने का फैसला किया है. इसके लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से जल्द ही ट्रांसफर लेटर जारी कर दिया जाएगा. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से यहां आवासीय योजना तैयार होगी और भवन के साथ ही अन्य जरूरी सुविधाएं विकसित की जाएंगी.
जन्मभूमि से थोड़ी ही दूरी पर चिन्हित की गई जमीन
यह जानकारी मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय प्रसाद ने दी.उन्होंने बताया कि इस जमीन का स्थानांतरण उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (UPSSF) की स्थापना के लिए किया जाएगा. प्रधान सचिव संजय प्रसाद ने बताया कि यह जमीन रामलला की जन्मभूमि से महज कुछ ही दूरी पर मलिकपुर और गंजा गांव में है. उन्होंने बताया कि जल्द ही राजस्व रिकार्ड में सुधार कर इस जमीन के दस्तावेज और अथारिटी लेटर केंद्र सरकार को उपलब्ध करा दिए जाएंगे. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग पहले ही इस योजना के लिए अपनी ओर से अनापत्ति दे चुका है.