लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी समाजवादी पार्टी ने अम्बेडकरनगर लोकसभा सीट से अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. सपा ने पूर्वांचल के कद्दावर नेता लालजी वर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है. तकरीबन 35 साल से सियासत में सक्रिय लालजी वर्मा की मतदाताओं पर मजबूत पकड़ मानी जाती है.
अखिलेश यादव ने छह बार के विधायक लालजी वर्मा को प्रत्याशी बना कर पूर्वांचल में पीडीए के समीकरण को साधने का भी प्रयास किया है. लोकसभा प्रत्याशी बनाये जाने के बाद लालजी वर्मा को बधाई मिलने का सिलसिला जारी है.
लालजी वर्मा का सियासी सफर
लालजी वर्मा की गणना जमीन से जुड़े जुझारू नेता के रूप में होती है. किसान परिवार में जन्मे लालजी वर्मा ने सियासत की शुरुआत अपने छात्र जीवन से ही शुरू कर दी थी. लालजी वर्मा पहली बार टांडा 1973 में टांडा छात्र संघ का चुनाव लड़ा और महासचिव बने. इलाहाबाद से कृषि विज्ञान में परास्नातक करने लालजी वर्मा 1977 से 19780तक कुल भास्कर आश्रम डिग्री कालेज के छात्र संघ के महासचिव रहे. 1986 में पहली बार विधानपरिषद का चुनाव लड़े और जीत कर सदन पहुंचे लेकिन बीच में ही इस्तीफा दे कर वह 1991 में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़े और जीत हासिल की.
लालजी वर्मा 1991, 1996, 2002, 2007, 2017 और 2022 में विधायक बने. लालजी वर्मा चार बार टांडा विधानसभा से और दो बार कटेहरी विधानसभा से विधायक हैं. 2007 में लालजी वर्मा बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे और इनके नेतृत्व में पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला था. लालजी वर्मा पहली बार 1997 में जेल राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बने. वहीं 2002 में सार्वजनिक उद्यम मंत्री बने.
पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यकों को साधने का प्रयास
इसके अलावा वह सरकार में लालजी वर्मा वित्त, संसदीय कार्य और चिकित्सा शिक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री भी रहे. लालजी वर्मा के ही कार्यकाल में अम्बेडकरनगर में मेडिकल कालेज से लेकर इंजीनियरिंग कालेज तक की स्थापना हुई. लालजी वर्मा तीन बार प्रदेश सरकार में मंत्री रहे. वर्मा प्रदेश सरकार की कई महत्वपूर्ण समितियों में भी शामिल रहे. अखिलेश यादव ने लालजी वर्मा को प्रत्याशी बना कर पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक की सियासत को साधने का प्रयास किया है. हलांकि लालजी वर्मा की पकड़ समाज के सभी वर्गों में मजबूत है.
विधानसभा चुनाव से पहले सपा में हुए थे शामिल
लालजी वर्मा 2022 विधानसभा चुनाव से पहले अपने पुराने साथी और राजभर समाज के कद्दावर नेता राम अचल राजभर के साथ सपा में शामिल हुए थे और इसके बाद सपा अंबेडकरनगर की पांचों विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी. ऐसा माना जा रहा है कि पूर्वांचल की सियासत में इनका रसूख है.