Uttar Pradesh: BJP के कमजोर दुर्ग को दुरुस्त करने उतरे PM Modi, क्या 2014 की तरह क्लीन स्वीप कर पाएगी बीजेपी?

Uttar Pradesh: BJP के कमजोर दुर्ग को दुरुस्त करने उतरे PM Modi, क्या 2014 की तरह क्लीन स्वीप कर पाएगी बीजेपी?

अयोध्या में भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के चौथे दिन गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव का शंखनाद करने जा रहे हैं. पीएम मोदी ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों की तरह इस बार भी पश्चिम यूपी पर फोकस रखा है. सूबे में बीजेपी के सबसे कमजोर माने जाने वाले पश्चिमी यूपी के दुर्ग को दुरुस्त करने के लिए पीएम मोदी उतर रहे हैं और 2014 की तरह बुलंदशहर से मिशन-2024 का आगाज कर रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या 2014 की तरह बीजेपी पश्चिमी यूपी में क्लीन स्वीप कर पाएगी?

राम मंदिर के उद्घाटन के बाद उत्तर प्रदेश में बीजेपी की यह पहली चुनावी रैली है, जिसके लिए बीजेपी के दिग्गज नेता और राम के नाम पर अपनी सरकार को कुर्बान करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के गढ़ को चुना है. पीएम मोदी 2014 की तरह 2024 के चुनावी अभियान का आगाज बुलंदशहर से कर रहे हैं, जबकि 2019 में मेरठ में जनसभा करके किया था. कामयाबी के नजरिए से बुलंदशहर बीजेपी के लिए मुफीद जगह मानी जा रही है.

2014 के चुनाव में बीजेपी बुलंदशहर से चुनाव अभियान को धार देकर पश्चिमी यूपी में सभी 14 सीटें जीतने में कामयाब रही, जबकि 2019 में पश्चिमी यूपी की आधी सीटों पर सिमट गई थी. दस साल के बाद बीजेपी फिर से बुलंदशहर क्षेत्र से चुनावी अभियान का आगाज कर रही है. प्रधानमंत्री बुलंदशहर में पूर्व सीएम कल्याण सिंह के नाम से जिले में बने मेडिकल कॉलेज में जनसभा को संबोधित करेंगे. इस दौरान पीएम मोदी 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिसमें रेल, सड़क, तेल, गैस और शहरी विकास एवं आवास जैसे कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट हैं.

2014 के नतीजे दोहराना बड़ी चुनौती

हालांकि, पहले पीएम मोदी का प्रोग्राम उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में होना था, लेकिन 2014 की तरह बुलंदशहर करने की रणनीति बनाई गई है. इस रैली में बुलंदशहर, नोएडा, अलीगढ़ और हापुड़ सहित सहित अन्य जिलों से लाखों लोगों की भीड़ इकठ्ठा करने का प्लान बनाया है ताकि पश्चिमी यूपी के सियासी समीकरण को मजबूत किया जाए. अब 2024 में बीजेपी के लिए 2014 के नतीजे को दोहराना किसी चुनौती से कम नहीं है.

दरअसल, 2014 में पीएम मोदी ने बुलंदशहर से यूपी में बीजेपी के चुनावी अभियान का शुभारंभ किया था. बीजेपी के किसान मोर्चा के बैनर तले हुई बुलंदशहर की इस रैली में भीड़ जुटाने में संगठन ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. इस रैली से पूरे यूपी और देश में गए संदेश ने लोकसभा में बीजेपी की जीत का मार्ग प्रशस्त किया था. मुजफ्फरनगर में हुए 2013 के दंगे भी ध्रुवीकरण में एक बड़ा फैक्टर था. इसका नतीजा यह था कि पश्चिमी यूपी की सभी 14 लोकसभा सीटों पर बीजेपी जीतने में सफल रही. यहां तक सपा, बसपा, आरएलडी के मजबूत किलों पर भी बीजेपी ने सेंध लगाई थी. पश्चिमी यूपी की मुस्लिम बहुल सीट भी बीजेपी के खाते में चली गई थी और एक भी मुस्लिम यूपी से नहीं जीत सका था.

वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत के लिए बीजेपी संगठन ने मेरठ को चुना था. पीएम मोदी की मेरठ रैली को पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर, बिजनौर, बागपत, गाजियाबाद और हापुड़ को केंद्र में रखकर की गई थी, लेकिन 2014 की तरह मुफीद साबित नहीं हुई. 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के चलते सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, नगीना, संभल और रामपुर लोकसभा सीट बीजेपी हार गई. पश्चिमी यूपी की 14 लोकसभा सीटों में से 7 सीटें बीजेपी जीतने में सफल रही. 2022 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को सबसे ज्यादा नुकसान पश्चिमी यूपी के इलाकों में ही उठाना पड़ा था, जिसमें मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, कैराना, बिजनौर, रामपुर और संभल जिले में सपा-आरएलडी गठबंधन बीजेपी पर भारी पड़ा था.

बीजेपी ने बनाया वेस्ट यूपी का प्लान

2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की सभी 80 संसदीय सीटें जीतने का टारगेट सेट किया है, जिसके लिए हर संभव कोशिश में जुटी है. बीजेपी ने पश्चिमी यूपी को तीन क्लस्टर में बांटा है, जिसमें मेरठ, मुरादाबाद और मुजफ्फरनगर है. बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में इसी पश्चिमी यूपी के इलाके में सबसे ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ा था. बीजेपी को जिन 7 सीटों पर 2019 में हार का मुंह देखना पड़ा था, उसमें रामपुर सीट उपचुनाव में जीत चुकी है और अब उसकी नजर बाकी की छह सीटों पर है. बीजेपी 2019 की हारी सीटों पर पिछले डेढ़ साल से मशक्कत कर रही है, जिसके लिए हर सीट पर पार्टी के एक बड़े नेता को लगा रखा है.

सियासी तौर पर माना जाता है कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर जाता है. उसमें भी वेस्ट यूपी को अहम माना जाता है. यही वजह है कि बीजेपी हमेशा अपने चुनाव अभियान की शुरुआत वेस्ट यूपी से करती है. बीजेपी 2019 में चुनाव में पश्चिमी क्षेत्र की 14 में से महज 7 सीटें ही जीत सकी थी, जबकि 7 सीटें विपक्ष के खाते में गई थी. बीजेपी ने 2024 के चुनाव में क्लीन स्वीप करने के मद्देनजर सैनी-वैश्य समुदाय पर दांव खेला है. पश्चिमी यूपी के क्षेत्र में सैनी वोटर काफी अहम हैं, जिसके चलते दो क्लस्टर में सैनी समुदाय के नेता को प्रभारी बनाया गया है. इसके अलावा लोधी और गैर-जाटव वोटों को भी साधने की कोशिश है, तो ठाकुर से लेकर ब्राह्मण, जाट और गुर्जर वोटों को अपने साथ जोड़े रखने का प्लान है.

पीएम मोदी का बुलंदशहर दांव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मतदाता दिवस पर 25 जनवरी को बुलंदशहर की इस रैली में बीजेपी के पश्चिम क्षेत्र और ब्रज प्रदेश के नव मतदाता से रूबरू होंगे. बुलंदशहर से पीएम मोदी पूर्व सीएम कल्याण सिंह के नाम से जिले में बने मेडिकल कॉलेज की शुरुआत करेंगे. ऐसा कर उन्होंने लोधी बहुल क्षेत्र को ही नहीं बल्कि पश्चिमी यूपी के इलाकों की सीटों को साधने की स्ट्रैटेजी बनाई है. बुलंदशहर कल्याण सिंह की कर्मभूमि रही है. बीजेपी हमेशा से कल्याण सिंह को अयोध्या के हीरो के तौर पर पेश करती रही है. कल्याण सिंह बुलंदशहर सीट से सांसद रहे हैं. दशकों से यह सीट बीजेपी और कल्याण सिंह के लिए अजेय है.

साल 1990 के दशक से अब तक इस लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है. महज एक बार कल्याण सिंह के बीजेपी से अलग होने के बाद इस सीट पर सपा से कल्याण सिंह के बेहद करीबी शिष्य कमलेश वाल्मिकी सांसद चुने गए थे. बाद में कल्याण सिंह के साथ यह सीट भी बीजेपी के कब्जे में आ गई थी. रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी की पहली रैली अयोध्या में रखी गई है ताकि राममय माहौल को बनाए रखा जा सके.

अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद भी किसानों से जुड़े हुए मुद्दे बीजेपी के लिए हमेशा की तरह कड़वा घूंट बने हुए हैं. बुलंदशहर के अलावा पीएम मोदी की इस रैली के लिए बिजनौर, मुजफ्फरनगर और मेरठ अच्छे विकल्प थे, लेकिन यह तीनों जिले 2022 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को अपेक्षित नतीजे नहीं दे पाए. नरेंद्र मोदी विकास का काम गिनाकर लोगों को बदलते भारत की तस्वीर भी पेश कर सकते हैं.

बताया गया कि जिस जगह सभा हो रही है वह बुलंदशहर का हिस्सा है, लेकिन लोकसभा क्षेत्र गौतमबुद्ध नगर का है. ऐसे में गौतमबुद्ध नगर के लोकसभा क्षेत्र पर ही नहीं बल्कि 2024 में पश्चिमी यूपी पर उनकी नजर रहेगी. बीजेपी की चुनाव आचार संहिता से पहले तीन रैली यूपी में होनी है. इसके अलावा बीजेपी ने पीएम मोदी की दूसरी रैली आजमगढ़ और तीसरी लखनऊ में कराने का प्लान बनाया है. इस तरह से बीजेपी ने पीएम मोदी की तीन रैलियां करके सूबे की सभी 80 लोकसभा सीटों को साधने की कवायद की है.

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