एक महिला प्रदर्शनकारी को बालों से दोपहिया वाहन पर सवार दो महिला पुलिसकर्मियों द्वारा खींचते हुए एक वीडियो बुधवार शाम को सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हुआ।
इस पर विपक्षी दल भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान पार्षद के. कविता ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से हस्तक्षेप की मांग की। पुलिस ने बताया कि उनकी जानकारी के अनुसार, यह घटना आज यहां राजेंद्रनगर स्थित कृषि विश्वविद्यालय में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई।
विश्वविद्यालय के छात्र और अन्य लोग उच्च न्यायालय के नए भवन के निर्माण के लिए विश्वविद्यालय की भूमि के आवंटन का विरोध कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान जब पुलिस उन्हें एहतियातन हिरासत में लेने की कोशिश कर रही थी तो कुछ प्रदर्शनकारी भागने लगे।
हालांकि, इस मामले की जांच किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि यह घटना तब हुई जब महिला पुलिसकर्मियों ने उनका पीछा करने की कोशिश की।
पीड़ित महिला की पहचान को लेकर पुलिस ने बताया कि यह घटना कुछ समय पहले ही उनके संज्ञान में आई है और मामले की जांच की जाएगी।साइबराबाद पुलिस आयुक्त अविनाश मोहंती ने संपर्क करने पर बताया कि मामले कीजांच की जाएगी।
उन्होंने पीटीआई- से कहा, हम मामले की गहन जांच करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे। बीआरएस नेता कविता ने कहा कि अहंकारी व्यवहार के लिए तेलंगाना पुलिस को बिना शर्त माफी मांगने की जरूरत है।
उन्होंने एक्स पर कहा, तेलंगाना पुलिस से जुड़ी हालिया घटना बेहद चिंताजनक और बिल्कुल अस्वीकार्य है। एक शांतिपूर्ण छात्र प्रदर्शनकारी को घसीटना और प्रदर्शनकारी से अभद्र व्यवहार करना पुलिस द्वारा ऐसी आक्रामक रणनीति अपनाने की आवश्यकता पर गंभीर सवाल उठाता है।