महाराष्ट्र के भंडारा जिले के एक जंगल में एक बाघ का क्षत-विक्षत शव मिला है। हालांकि अधिकारियों ने उसके शिकार की आशंका को खारिज कर दिया है क्योंकि उसके शरीर के अंग निकाले नहीं गए थे।
उन्होंने बताया कि वन विभाग के अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों ने जामकंद्री वन रेंज की सोरना बीट में सोमवार को बाघ का शव देखा। अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि संदेह है कि बाघ की मौत 15-20 दिन पहले हुई है।
उन्होंने कहा कि बाघ की मौत के पीछे क्षेत्र में अन्य बाघों के साथ वर्चस्व की लड़ाई भी हो सकती है। रेंज वन अधिकारी अपेक्षा शेंडे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हर पहलू से घटना की जांच की जा रही है।
वरिष्ठ वन अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और पशु चिकित्सकों ने प्रयोगशाला परीक्षण के लिए बाघ के नमूने एकत्र किए। अधिकारियों के अनुसार सोरना गांव घटनास्थल से 1.5 किलोमीटर दूर स्थित है और वहां लगभग 150 मीटर की दूरी पर 11 केवी की बिजली की लाइन ऊपर से गुजरती है।
उन्होंने बताया कि शव का निस्तारण राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार किया गया। भंडारा जिले में स्थित कोका वन्यजीव अभयारण्य में बड़ी संख्या में बाघ और तेंदुए रहते हैं।