UP: 20 साल एयरफोर्स में की नौकरी, फिर दिया इस्तीफा, दूसरे प्रयास में बने SDM, प्रेम शंकर की कहानी

UP: 20 साल एयरफोर्स में की नौकरी, फिर दिया इस्तीफा, दूसरे प्रयास में बने SDM, प्रेम शंकर की कहानी

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से PCS 2023 के फाइनल नतीजे जारी कर दिया गए हैं. कुल 251 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है. वहीं सफल कुल कैंडिडेट्स में 84 महिलाएं भी शामिल हैं. टाॅप 10वीं में भी दो महिलाओं ने स्थान बनाया है. UP PCS में कई ऐसे युवाओं को सफलता मिली है, जो गरीब परिवार से आते हैं. किसी के पिता बस कंडक्टर हैं, तो किसी के किसान हैं. आइए जानते हैं कि इन युवाओं के कैसे तैयारी की और सफलता प्राप्त कर संघर्ष की नई कहानी लिखी है.

यूपी पीसीएस 2023 के लिए इंटरव्यू 8 जनवरी से 12 जनवरी 2024 तक चला था. मुख्य परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था. इंटरव्यू का आयोजन दो शिफ्ट में किया गया था. पहली शिफ्ट में सुबह बजे से और दूसरी शिफ्ट में दोपहर 1 बजे से साक्षात्कार शुरू हुआ था. आयोग ने फाइनल रिजल्ट कल, 23 जनवरी को जारी कर दिया.

कौन हैं प्रेम शंकर पांडेय?

प्रेम शंकर पांडेय प्रयागराज के बेटी काॅलोनी के रहने वाले हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनके पिता नारायण पांडेय बस कंडक्टर हैं. 12वीं पास करने के बाद उन्हें एयरफोर्स में सर्जेंट के पोस्ट पर 2002 में नौकरी मिल गई थी. नौकरी करते हुए ही उन्होंने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी. उसके बाद 2020 में उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और यूपी पीसीएस की तैयारी करने लगे.

2021 में प्रेम शंकर का चयन समीक्षा अधिकारी के पद पर हुआ और मौजूदा समय में वह लखनऊ सचिवालय में तैनात हैं. दूसरे प्रयास में उन्होंने राज्य में दूसरे स्थान प्राप्त किया है और उनका चयन एसडीएम पद पर हुआ है. 2022 में उन्होंने यूपी पीसीएस मुख्य परीक्षा पास की थी लेकिन इंटरव्यू में वह चूक गए और उनका सिलेक्शन नहीं हो पाया.

किसान का बेटा भी बना SDM

वहीं प्रतातगढ़ जिले के निवासी अंकित तिवारी ने राज्य में 19वां स्थान मिला है. उनका भी चयन SDM पद पर हुआ है. उनके पिता बद्री विशाल तिवारी एक किसान हैं. उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बीएससी और एमएससी की पढ़ाई की है. 2012 में अंकित का सिलेक्शन इनकम टैक्स ऑफिसर के पद पर हो गया था. नौकरी के साथ उन्होंने तैयारी की और प्रदेश में 19वां स्थान प्राप्त कर अब एसडीएम बने हैं.

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