सबके राम
राम तो सभी के हैं । राम राजा के भी हैं , राम रंक के भी हैं । राम राजा सुग्रीव और विभीषण के भी हैं और राम निषादराज और शबरी के भी हैं । राम शहर के किसी बड़े सेठ के भी हैं और राम टिक्की बताशे का ठेला लगाकर अपने परिवार का पेट पालने वाले प्रमोद के भी हैं ।
प्रमोद कश्यप जो कि सराय थोक पश्चिमी में अभिषेक सिंह सिंटू के घर किराये पर रहते हैं अपने परिवार के साथ । प्रमोद अपने बेटे के साथ मिलकर गली मोहल्लों में घूम घूम कर टिक्की का ठेला लगाते हैं , सुबह से रात ठेला खींचकर टिक्की बेंचकर अपने परिवार को पालते हैं । इन्ही प्रमोद ने 3 दिन से ठेला नही लगाया । जो आलू टिक्की बनाने के लिए खरीदते थे ये वो आलू इकट्ठे किये और आज 22 जनवरी श्रीराम लला की अयोध्या मन्दिर में प्राण प्रतिष्ठा के दिन उन्ही इकट्ठे किये गए आलुओं को उबालकर , थोड़ा बहुत इधर उधर से , अपने मकान मालिक अभिषेक सिंह , पड़ोसी पुष्कर शुक्ला आदि से सहयोग लेकर गर्म गर्म आलू पकौड़े बनाकर राहगीरों में बांट कर प्रमोद ने भंडारा किया । राम राम जय श्रीराम का सुमिरन कर , नारे लगाकर प्रमोद ने अपनी आस्था को जताया । इसीलिये कहते हैं कि सबके राम , हमारे राम ।
(अभिनव द्विवेदी )