New Delhi: 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी बसपा, मायावती का इनकार

New Delhi: 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी बसपा, मायावती का इनकार

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायवती सोमवार को अपना 68वां जन्मदिन मना रही हैं. इस बीच उन्होंने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बीजेपी पर हमला बोला है. मायावती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला करार दिया है. साथ ही साथ उन्होंने एक बड़ी घोषणा की है कि वह लोकसभा चुनाव अपने दम पर अकेले ही लड़ेंगी. उनकी पार्टी किसी भी गठबंधन से मिलकर चुनाव नहीं लड़ेंगी.

मायावती ने कहा कि अब देश में लोकसभा चुनाव होने में कम समय रह गया है. अगर मेरे दिशा-निर्देश में पार्टी के लोग अच्छा रिजल्ट लाते हैं तो यही मेरे बर्थडे पर उनकी तरफ से मेरे लिए उपहार रहेगा. मैं ये बात फिर से कह रही हूं कि लोकसभा चुनाव हम अकेले ही लड़ेंगे. किसी पार्टी से गठबंधन नहीं कर रहे हैं. हमारी पार्टी अकेले इसीलिए लड़ती है क्योंकि सर्वोच्च नेतृत्व दलित समाज से है. हमारा वोट तो ट्रांसफर हो जाता है, लेकिन गठबंधन का वोट हमारे में ट्रांसफर नहीं होता है. 1993 में समाजवादी पार्टी और 1996 में कांग्रेस से गठबंधन किया था तब हमें कोई फायदा नहीं हुआ था.

ईवीएम में हो रही धांधली, इस पर लगे रोक- मायावती

उन्होंने कहा कि गठबंधन को लेकर हमारा अनुभव यही रहा है कि गठबंधन से हमें नुकसान ज्यादा होता है. इसी वजह से देश में ज्यादातर दल बीएसपी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं. चुनाव बाद गठबंधन करने पर विचार किया जा सकता है. मायावती ने आगे कहा कि ईवीएम में काफी धांधली हो रही है, इसलिए बीएसपी को नुकसान हो रहा है. ईवीएम में धांधली को लेकर आवाजें उठने लगी हैं और हमें उम्मीद है कि जल्द ही ईवीएम पर रोक लगेगी.

बसपा प्रमुख ने कहा कि 4 बार हमारी सरकार रही है. हमने दलितों के लिए काम किया है. मुफ्त राशन देकर गुलाम बनाने की कोशिश की जा रही है. धर्म और संस्कृति की आड़ में जो राजनीति की जा रही है वो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. केंद्र और राज्यों में सत्ता लेकर ही हम बाबा साहेब अंबेडकर का सपना पूरा कर सकते हैं. कांग्रेस और बीजेपी व इनके सहयोगी दलों का व्यवहार जातिवादी और संप्रदाय वादी रहा है.

मैं राजनीति से नहीं ले रही हूं संन्यास- मायावती

उन्होंने कहा कि देश में SC-ST और बाकी लोगों को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है. हाल में ही इंडिया गठबंधन को लेकर सपा प्रमुख ने जिस तरह बीएसपी प्रमुख को लेकर गिरगिट की तरह रंग बदला है उससे सबको सावधान रहना है. जिस तरह आकाश आनंद को उत्तराधिकारी बनाया है तब से मीडिया के जरिए ये बात फैलाई जा रही है कि मैं राजनीति से संन्यास ले रही हूं, ये बात बेबुनियाद है.

बसपा प्रमुख ने राम मंदिर के निमंत्रण पर कहा कि मुझे इसका निमंत्रण मिला है, जाने का अभी कोई फैसला नहीं लिया है क्योंकि मैं अपने पार्टी के कार्यक्रम को लेकर व्यस्त हूं. इसको लेकर हमें और हमारी पार्टी को कोई एतराज नहीं है.

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