बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने 68वें जन्मदिन पर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की. मायावती ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के न्योते पर बड़ा बयान दिया है. बसपा सुप्रीमो ने बताया है कि मुझे प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिला है, लेकिन मैंने अभी वहां जाने का कोई फैसला नहीं किया है. हालांकि उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा को लेकर हमें और हमारी पार्टी को कोई ऐतराज़ नहीं है.
इसी दौरान मायावती ने कहा कि मैं न्योता मिलने का स्वागत करती हूं. मेरा जो भी फैसला होगा, वो आपके सामने आ जाएगा. उन्होंने कहा किअगर बाबरी मस्जिद का कोई कार्यक्रम होता है तो मैं उसका भी स्वागत करती हूं, क्योंकि हमारी पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है. बसपा सुप्रीमो ने बताया कि अभी मैं अपनी पार्टी के कार्यक्रम को लेकर व्यस्त हूं.
बीजेपी और कांग्रेस पर बोला हमला
इस दौरान मायावती ने जमकर बीजेपी और कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि धर्म और संस्कृति की आड़ में जो राजनीति की जा रही है, वो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. कांग्रेस हो या बीजेपी या इनके सहयोगी दल, सभी का व्यवहार जातिवादी और संप्रदायवादी रहा है. हालात हैं कि देश में पिछड़ों को आरक्षण का पूरा फायदा नहीं मिल रहा है.
अखिलेश यादव को भी लिया आड़े हाथों
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने समाजवादी पार्टी के चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी आड़े हाथों लिया. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि INDIA गठबंधन को लेकर अखिलेश ने गिरगिट की तरह रंग बदला है. इससे सभी को सावधान रहना है.
अकेले लड़ेंगी लोकसभा चुनाव, गठबंधन से इनकार
वहीं, मायावती ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए किसी भी दल से गठबंधन करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि अब देश में लोकसभा चुनाव में कम वक्त बचा है. पार्टी लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी. हमारी पार्टी किसी भी गठबंधन में रहकर चुनाव नहीं लड़ेंगी. हमारी पार्टी अकेले इसीलिए लड़ती है, क्योंकि सर्वोच्च नेतृत्व दलित समाज से हैं. हमारा वोट तो ट्रांसफ़र हो जाता है लेकिन गठबंधन का वोट हमारे में ट्रांसफ़र नहीं होता. उन्होंने कहा कि 1993 में समाजवादी पार्टी और 1996 में कांग्रेस से गठबंधन किया था, तब हमें कोई फ़ायदा नहीं हुआ था.