अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया है कि वह शुक्रवार से लगातार 11 दिनों तक प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अनुष्ठान पर हैं. अनुष्ठान में प्रधानमंत्री क्या-क्या करेंगे, इसको लेकर भारतवर्ष पर राम मंदिर के मुख्य पुजारी ने कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारी दी है.
राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि प्रधानमंत्री इस दौरान केवल फलाहार या दूध से बना हुआ आहार लेगे. प्रधानमंत्री को जमीन पर सोना होगा. ग्यारह दिन तक इन सख्त नियमों का पीएम मोदी को पालन करना होगा. वहीं प्रधानमंत्री की जगह अयोध्या में 21 जनवरी तक कोई और उनके प्रतिनिधि के तौर पर होंगे.
22 जनवरी: दिन भर चलेगा कार्यक्रम
इस तरह ये 11 दिन प्रधानमंत्री मोदी के लिये व्रत के समान होंगे और उनके प्रतिनिधि भी व्रत पर ही रहेंगे. जहां तक प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन की बात है, 22 जनवरी को अनुष्ठान में दिन भर का समय लगेगा. दूध और जल से स्नान के बाद रामलला की प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा.
12 बजकर 20 मिनट है उत्तम समय
राम मंदि के मुख्य पुजारी ने कहा है कि प्रधानमंत्री रामलला के आँखों से पट्टी खोलेंगे, शीशा दिखाएँगे, काजल लगाएँगे. इसके बाद रामलला को वस्त्र पहनाया जाएगा और पूजा आरती के बाद भोग लगाया जाएगा. जानकारी के मुताबिक इसके लिए 12:20 का समय सबसे उत्तम है, इसलिए उसी समय पूरा कार्यक्रम शुरू होगा.
राम मंदिर कार्यक्रम को लेकर प्रधानमंत्री के अलावा और कई गणमान्य लोगों को न्योते दिए गए हैं. कांग्रेस पार्टी को भी आमंत्रित किया गया था पर कांग्रेस ने जाने से मना कर दिया है. कांग्रेस ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी धर्म और भगवान राम का इस्तेमाल राजनीति के लिए कर रही है.