16 साल की उम्र में उसने फर्स्टक्लास क्रिकेट में डेब्यू किया. करियर का स्वर्णिम आगाज हुआ और एक साल के भीतर ही इंडिया ए में भी जगह बन गई. फिर अंडर 19 वर्ल्ड कप 2004 की कप्तानी मिल गई. क्रिकेट के सारे विशेषज्ञ कह रहे थे कि भारत को बेहतरीन क्रिकेटर मिल गया है. यह वो वक्त था, जब एमएस धोनी की टीम इंडिया में एंट्री नहीं हुई थी और एक ऐसे कीपर की अदद दरकार थी, जो अच्छी बैटिंग कर सकता हो. सबकुछ ठीक चल रहा था कि इस युवा क्रिकेटर का स्टेट एसोसिएशन से विवाद हो गया. जोश में होश गंवाना सिर्फ मुहावरा भर नहीं है. इस खिलाड़ी ने जोश में होश गंवाया भी और बागी इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) से जा मिला. बीसीसीआई से बैन हो गया…. अंबाती रायुडू के करियर का यह तो सिर्फ टेलर है. उन्होंने 21 साल के करियर में ऐसी गलतियां बार-बार कीं. जब कभी उनका करियर पटरी पर लौटता, वो अपने पैरों पर खुद ही कुल्हाड़ी मार लेते.
38 साल के अंबाती रायुडू इन दिनों क्रिकेट की बजाय राजनीति को लेकर चर्चा में हैं. भारत के लिए 61 मैच खेलने वाले अंबाती रायुडू क्रिकेट छोड़ 28 दिसंबर 2023 को राजनीति के मैदान पर कूद पड़े. उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस (YSR Congress) ज्वाइन कर ली. हालांकि, अंबाती राजनीति के पिच पर ज्यादा दिन नहीं टिक पाए. अपने फैसलों से चौंकाने वाले अंबाती ने 10 दिन के भीतर ही यूटर्न भी ले लिया और राजनीति से तौबा कर ली. वजह- बताई कि उन्हें आईएलटी20 लीग में हिस्सा लेना है.
राजनीति से यूटर्न लेकर क्रिकेट के मैदान पर लौटे अंबाती रायडू ने पहली बार अपने फैसले को नहीं पलटा है. आईसीएल में जाकर भी वे लौट आए थे. साल 2009 में बीसीसीआई से बाकायदा माफी मांगकर. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. विकेटकीपर के तौर पर धोनी का सिक्का जम चुका था. सुरेश रैना, रॉबिन उथप्पा, रोहित शर्मा भी टीम में दस्तक दे चुके थे. कुल मिलाकर भारतीय क्रिकेट में जब फोरफैब (सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण) अपने आखिरी पड़ाव पर था, तब अंबाती अपने करियर को पुनर्जीवित कर रहे थे. रैना, रोहित, विराट से पिछड़ चुके थे वे इस रेस में.
अंबाती रायुडू के टैलेंट पर किसी को शक नहीं था. उन्हें देर जरूर हो गई थी, लेकिन हर रणजी सेशन में रनों का पहाड़ खड़ा कर वे चयनकर्ताओं को ध्यान खींचने में कामयाब रहे. चयनकर्ताओं ने 2013 में अंबाती रायुडू को टीम इंडिया में बुला लिया. साल 2013 में पहला वनडे खेला और 2014 में पहला टी20 इंटरनेशनल मैच. करियर पटरी पर लौट चुका था. साल 2018 में उनका प्रदर्शन इतना बेहतरीन था कि सबने मान लिया था कि टीम इंडिया की नंबर-4 की परेशानी दूर हो गई है. वह गैप भर गया है, जो युवराज सिंह के संन्यास के बाद खाली हुआ था.
लेकिन यह कहां संभव था कि अंबाती रायडू के जीवन में सबकुछ सामान्य रह जाता! 2019 आते ही अंबाती रायुडू की किस्मत ने यूटर्न लिया. ऑस्ट्रेलिया में हुई वनडे सीरीज में रायुडू फेल हो गए और महज 50-60 दिन के भीतर चयनकर्ताओं को यह लग गया कि उन्हें नंबर-4 पर किसी और बैटर की जरूरत है. कुछ दिन बाद जब वर्ल्ड कप 2019 के लिए टीम की घोषणा हुई तो अंबाती रायुडू की जगह विजय शंकर को मिल चुकी थी. चीफ सिलेक्टर एमएसके प्रसाद ने विजय शंकर को थ्रीडी प्लेयर बताया तो नाराज अंबाती रायुडू ने ट्विटर पर थ्रीडी चश्मे की तस्वीर पोस्ट की और कहा कि वे इस चश्मे से ही वर्ल्ड कप देखेंगे. भारतीय टीम वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में हार गई. विजय शंकर फेल रहे. लेकिन रायुडू की किस्मत नहीं जागी.
बीसीसीआई के चीफ सिलेक्टर से अंबाती रायुडू की ठन चुकी थी और उन्हें दोबारा मौका नहीं मिला. रायुडू 8 मार्च 2019 को भारत के लिए आखिरी बार मैदान पर उतरे. रांची में खेले गए इस मैच में वे डबल डिजिट में भी नहीं पहुंच सके और इसके साथ ही उनका इंटरनेशनल करियर थम गया. गुस्सैल रायुडू ने जुलाई 2019 में अचानक क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा कर दी.
लेकिन फिर वही बात. फिर वही यू-टर्न. दो महीने के भीतर ही रायुडू ने हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन को चिट्ठी भेज दी. कहा- मैं अभी क्रिकेट खेलना चाहता हूं. मुझे टीम में चुना गया तो मैं खेलने को तैयार हूं. डगमगाता करियर फिर सरकने लगा. हैदराबाद की टीम में जगह मिल ही चुकी थी. चेन्नई सुपरकिंग्स का 2.2 करोड़ रुपए का करार भी बाकी रहा. इस तरह वे 2020, 2021 में सीएसके लिए खेलते रहे. साल 2023 रायुडू के लिए फिर खुशियां लेकर आया. इस बार एमएस धोनी की टीम चेन्नई सुपरकिंग्स ने अंबाती रायुडू पर 6.75 करोड़ रुपए की बोली लगाई. यह सबूत था कि उनका करियर अब भी सही ट्रैक पर है. हालांकि, वे मैदान पर अपनी कीमत को सही साबित नहीं कर सके. वे 13 मैच में सिर्फ 274 रन बना सके. साल 2023 में भी उनका करियर ग्राफ नीचे ही रहा. इसके बाद उन्होंने एक बार फिर क्रिकेट के सभी फॉर्मेट को अलविदा कह दिया. राजनीति ज्वाइन कर ली. साल 2024 होते ही फिर यूटर्न और क्रिकेट के मैदान पर लौट आए.