New Delhi: फोन को चार्ज करने के लिए क्यों ज़रूरी होता है 40-80 नियम? भ्रम में जी रहे हैं आधे से ज़्यादा लोग

New Delhi: फोन को चार्ज करने के लिए क्यों ज़रूरी होता है 40-80 नियम? भ्रम में जी रहे हैं आधे से ज़्यादा लोग

फोन को बिना रुकावट इस्तेमाल करना है तो इसकी चार्जिंग और मोबाइल डेटा का खास ख्याल रखना बहुत ज़रूरी हो जाता है. बात जब चार्जिंग की आती है तो शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जो अपने गैजेट की चार्जिंग का खास ख्याल नहीं रखता होगा. फोन की बात करें तो अगर इसमें चार्जिंग न हो तो समझो कि कई काम तो वैसे ही रुक गए हैं. चार्जिंग को लेकर अलग-अलग लोग अलग तरह का ज्ञान देते हैं.

लेकिन क्या आपने कभी चार्जिंग के 40-80 रुल के बारे में सुना. नहीं न? तो आइए जानते हैं आखिर क्या होता है फोन चार्जिंग का 40-80 चार्जिंग रूल और कैसे ये फोन की बैटरी के लिए फायदेमंद होता है?

कोरो (Quora) प्लैटफॉर्म पर कई लोगों का ऐसा कहना है कि 40-80 रूल बैटरी डैमेज को कम करके आपकी बैटरी के लाइफ को बढ़ाने का एक तरीका है. आसान भाषा में कहें तो यह बैटरी को 40% से कम और 80% से ऊपर चार्ज न करने के सलाह देता है.

कहा जाता है कि 80% से ज़्यादा चार्ज करने से बैटरी लाइफ साइकल को तेजी से नुकसान होता है. बता दें कि एक मॉडर्न फोन बैटरी (लिथियम-आयन) की उम्र 2-3 साल होती है.

कुछ लोगों ने ये भी कहा है कि ऑप्टिमाइज़ बैटरी लाइफ के लिए, आपका फोन कभी भी 40% से कम या 80% से ज़्यादा नहीं होना चाहिए. जब आपके स्मार्टफोन की बैटरी 100% चार्ज हो जाती है तो ये फोन बैटरी के लिए ठीक नहीं होती है. हालांकि कई प्लैटफॉर्म पर ऐसा भी कहा गया है कि ये मात्र एक मिथक है.

ऐपल डिवाइस में अलग खासियत: इसके अलावा apple discussion प्लैटफॉर्म पर कई लोगों ने इस बारे में सवाल किया था. तो इसपर जवाब दिया गया है कि फोन को 80% तक चार्ज पर रखने से इसकी बैटरी के सेहथ अच्छी रहती है.

इसके अलावा कहा गया है कि बैटरी को जल्दी-जल्दी चार्ज पर लगाने से इसकी लाइफ तेजी से कम होने लगती है. हालांकि ऐपल ने अपने डिवाइस में ऐसी खासियत दी होती है जिससे कि इसकी बैटरी पर ज़्यादा असर नहीं पड़ता है.

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