फोन इस्तेमाल करते हैं तो जाहिर है कि फोन का चार्जर भी देखा होगा. लेकिन क्या आपने कभी ये गौर किया है कि कंपनियां हमेशा चार्जर के तार को छोटा ही बनाती हैं. चार्जर के तार इतने छोटे होते हैं कि कोई भी बिस्तर पर आराम से बैठ कर फोन नहीं यूज़ कर पाता है. ऐसा क्यों होता है कि चार्जर का वायर छोटा ही होता है.
आज के समय में मोबाइल का इस्तेमाल लगभग सभी लोग कर रहे हैं. अब ऐसा दौर आ गया है कि अगर फोन साथ न हो तो खालीपन लगता है और कई काम भी रुक जाते हैं. लोगों की ज़रूरत को देखते हुए मोबाइल कंपनियां भी आए दिन फोन में नए-नए एक्सपेरिमेंट कर रही हैं और फोन में नई तकनीक की पेशकश भी कर रही हैं. फोन के डिज़ाइन, तकनीक में तो लगातार हम बदलाव को देखते आ रहे हैं, लेकिन एक चीज़ जो हमेशा से एक जैसी ही लगी है वह है मोबाइल फोन के चार्जर की लंबाई.
हम सबने कभी न कभी ज़रूर ध्यान दिया होगा कि फोन के चार्जर का तार बहुत छोटा होता है. लेकिन ऐसा क्यों होता है. हमेशा से फोन चार्जर की लंबाई को छोटा क्यों रखा जाता है जिससे कि कोई इसे बेड पर बैठकर इस्तेमाल भी नहीं कर पाता है.
अगर आपके मन में भी ये सवाल आता है कि फोन चार्जर का वायर छोटा क्यों होता है तो हम आपको बता दें कि इसके पीछे एक खास वजह होती है. तार की लंबाई कम होने का मतलब है कि इसके फोन के SAR रेडिएशन से बचा जा सके. कुछ रिपोर्ट में ऐसा बताया गया है कि कंपनियां ऐसा इसलिए करती हैं ताकि यूज़र्स स्मार्टफोन चार्ज करते समय उसका इस्तेमाल न करें.
चार्जिंग चालू होने पर बात करना खतरनाक हो सकता है. अगर केबल छोटा है तो संभावना कम है कि लोग चार्ज करते समय अपने फोन का यूज़ करेंगे.
जब चार्जर केबल की बात आती है तो सुरक्षा सबसे ज़रूरी चीज़ है. लंबे केबल में ओवरहीटिंग और वोल्टेज ड्रॉप का खतरा ज़्यादा होता है, जिससे बिजली से जुड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं या डिवाइस को नुकसान हो सकता है.
मोबाइल फोन चार्जर केबल को पोर्टेबल और ले जाने में आसान बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. छोटे केबल ज़्यादा कॉम्पैक्ट होते हैं और कम जगह लेते हैं, जिससे कि ट्रैवल और चलते-फिरते चार्जिंग के लिए चार्जिंग की जा सके.
चार्जर केबल का प्रोडक्शन करते समय मैनुफैक्चर को कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ता है. इसलिए पैसे बचाने के लिए कंपनी छोटे वायर बनान चाहती है.