भारत में अब पर्यटन के साथ ही धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही है। इसी कड़ी में अब गुजरात में भगवान कृष्ण की समुद्र में डूबी हुई द्वारिका नगरी के दर्शन कराने की दिशा में काम किया जा रहा है। गुजरात सरकार ने मझगांव डॉक के साथ एक एमओयू पर भी साइन किए हैं, जिसके बाद अब भगवान कृष्ण की द्वारिका नगरी के भी दर्शन भक्त कर सकेंगे।
बता दें कि ये पहला मौका होगा जब भारत में पनडुब्बी के जरिए पर्यटन शुरू किया जाएगा। समुद्र में पानी के नीचे ही सबमरीन पर्यटन की शुरुआत होने जा रही है। भगवान कृष्ट की नगरी द्वारिका को सबमरीन के सहारे से भक्त देख सकेंगे। इसके साथ ही दरियाई जीवों को देखने का मौका भी लोगों को मिल सकेगा।
दिवाली 2024 तक होगी साकार
गुजरात सरकार की ये परियोजना वर्ष 2024 तक दिवाली के मौके तक तैयार हो सकती है। सबमरीन में बैठकर भक्त समुद्र के नीचे 100 मीटर तक जा सकेंगे। समुद्र में 100 मीटर नीचे ही मरीने लाइफ का लुत्फ उठाया जा सकेगा। इसके साथ ही अंडरवॉटर ही द्वारिका नगरी को देखने का मौका भी मिलेगा। इस परियोजना के लिए एमओयू पर साइन हो चुका है।
ये प्रोजेक्ट अपने आप में बेहद खास होने जा रहा है क्योंकि इसमें समुद्र पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। समुद्र में पर्यटकों को सबमरीन के जरिए नीचे तक ले जाया जाएगा। सबमरीन में रहते हुए ही लोग अंडरवॉटर मरीन लाइफ देख सकेंगे। गुजरात सरकार ने इस योजना की शुरुआत खास तौर से पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की है। इसके जरिए धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना भी जरुरी है।
सबमरीन मे होंगे 24 पर्यटक
जानकारी के मुताबिक इस सबमरीन में कुल 24 पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी। इसमें दो पायलट और प्रोफेशनल क्रू को रखा जाएगा जो पर्यटकों के साथ जाएगा। पानी में 100 मीटर तक नीचे इस सबमरीन को भेजा जाएगा, जिसमें द्वारिका की समुद्री खासियत पर्यटक और श्रद्धालु देख सकेंगे। इस सबमरीन की खासियत होगी कि इस मरीन में हर व्यक्ति की सीट पर एक विंडो होगी, जिससे वो समुद्री दुनिया को देख सकेगा।