कोहरा भी कम था, लेकिन दूर-दूर तक धूप का नामोनिशान नहीं. पर, उम्मीद भी और भरोसा भी. इसी विश्वास के साथ कांग्रेस के कुछ नेता लॉन में बैठे थे. लोकसभा चुनाव पर बहस जारी थी. कांग्रेस को इंडिया गठबंधन में कितनी सीटें मिल सकती हैं. समाजवादी पार्टी के खाते में कितनी जाएंगी, कौन सी सीट किस पार्टी को मिल सकती है, ऐसे सारे सवालों के जवाब कांग्रेस के नेता आपस में ही ढूंढने लगते हैं.
समाजवादी पार्टी का ऑफिस लखनऊ में कांग्रेस ऑफिस से बस एक किलोमीटर की दूरी पर है, लेकिन अखिलेश यादव की पार्टी का कल्चर अलग है. वहां इस तरह की चर्चा नहीं होती है. कांग्रेस से सीटों के बंटवारे से पहले अखिलेश यादव अपनी पार्टी में आखिरी बार सलाह मशविरा कर लेना चाहते हैं. इंडिया गठबंधन में आने के बाद से वे इस मुद्दे पर लगातार बैठकें करते रहे हैं.
इंडिया गठबंधन में कांग्रेस से सीटों के बंटवारे पर अखिलेश यादव अपना होमवर्क पूरा कर चुके हैं. कई सीटों पर तो उन्होंने अपने उम्मीदवार भी तय कर दिए हैं. सार्वजनिक रूप से उनके नामों की घोषणा नहीं हुई है. पिछली मीटिंग में अखिलेश यादव ने कहा था कि गठबंधन के बावजूद उनकी पार्टी 65 से कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी. यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं. इंडिया गठबंधन में यूपी से आरएलडी और चंद्रशेखर आजाद की पार्टी भी शामिल है. सूत्र बताते हैं कि इन दोनों को अखिलेश यादव के खाते से सीटें मिल सकती हैं. राहुल गांधी कह चुके हैं कि यूपी में सीटों के तालमेल पर आखिरी फैसला अखिलेश यादव का होगा. ऐसे में अखिलेश ने अपने साथियों का मन जानने के लिए अगले हफ्ते पार्टी नेताओं की मीटिंग बुलाई है.
सपा के 400 नेताओं से अखिलेश करना चाहते हैं दो मुद्दों पर बात
अखिलेश यादव ने अगले हफ्ते से फिर कई राउंड की मीटिंग करने का फैसला किया है. सबसे पहले उन्होंने पार्टी के विधानसभा क्षेत्रों के अध्यक्षों की बैठक बुलाई है. समाजवादी पार्टी के चार सौ ऐसे नेताओं से मिलकर अखिलेश यादव दो मुद्दों पर बात करना चाहते हैं, समाजवादी पार्टी को किन सीटों पर लड़ना चाहिए, सीट फाइनल होने पर पार्टी का उम्मीदवार कौन हो? वैसे तो लोकसभा की करीब 23 सीटों पर अखिलेश यादव अपना उम्मीदवार तय कर चुके हैं, पर सियासी समीकरण के हिसाब से लिस्ट बदलती भी रहती है.
समाजवादी पार्टी ने अपने सभी विधायकों की बैठक 9 जनवरी को बुलाई है. समाजवादी पार्टी के 118 विधायक हैं. अखिलेश यादव इन सभी एमएलए से मिल कर उनकी राय भी जानना चाहते हैं. उनकी कोशिश इस बार के चुनाव में सबके सुझाव से टिकट तय करने की है. ऐसा करने से भितरघात का खतरा कम रह सकता है.
सपा चाहती है सहारनपुर और कैराना सीट
कांग्रेस से गठबंधन को लेकर दो चार सीटों पर मामला फंस सकता है. समाजवादी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में गए इमरान मसूद सहारनपुर या कैराना से चुनाव लड़ना चाहते हैं. समाजवादी पार्टी ये दोनों सीटें अपने पास रखना चाहती है. यही हाल लखीमपुर लोकसभा सीट का है. यहां से अखिलेश यादव ने उत्कर्ष वर्मा को चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा है. समाजवादी पार्टी से कई बार सांसद रहे रवि वर्मा दो महीने पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. वे वहां से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं, लेकिन अखिलेश यादव उनसे बेहद नाराज बताए जाते हैं.
समाजवादी पार्टी छोड़ने के बाद रवि वर्मा ने अखिलेश यादव पर कई तरह के आरोप लगाए थे. ऐसे में वे ये सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दें, ये मुमकिन नहीं लगता है. बीएसपी से बाहर किए गए सांसद कुंवर दानिश अली इस बार मुरादाबाद से चुनाव लड़ने के मूड में हैं. पिछले कुछ समय से वे मुरादाबाद जाना भी शुरू कर चुके हैं, जबकि यहां से समाजवादी पार्टी के डॉक्टर एस टी हसन एमपी हैं. पिछली बार दानिश अली अमरोहा से चुनाव जीते थे. गठबंधन का धर्म निभाना बड़ा कठिन काम है. इस मामले में अखिलेश यादव अब तक बड़ा दिल दिखाते रहे हैं, लेकिन इस बार उन्होंने अपना दिल और मन दोनों बदल लिया है.