कथित राशन वितरण घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शंकर आध्या को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी एक अन्य टीएमसी नेता के आवास पर छापेमारी करने जा रही ईडी की टीम पर हमले के एक दिन बाद हुई। बनगांव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शंकर आध्या को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में उनसे जुड़े परिसरों पर ईडी द्वारा व्यापक तलाशी के बाद गिरफ्तार किया गया था। उनकी पत्नी ज्योत्सना आध्या ने दावा किया कि जांच के दौरान जांच एजेंसी के अधिकारियों के साथ सहयोग करने के बावजूद उनके पति को गिरफ्तार कर लिया गया। जब शंकर आध्या को केंद्रीय बल ले जा रहे थे, तो स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।
ईडी कथित राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में पश्चिम बंगाल में शंकर आध्या और एक अन्य टीएमसी नेता सहजान शेख के परिसरों पर छापेमारी कर रही थी। जांच एजेंसी के अनुसार, पश्चिम बंगाल में लाभार्थियों के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का लगभग 30 प्रतिशत राशन खुले बाजार में भेज दिया गया था।
ईडी कथित राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में पश्चिम बंगाल में शंकर आध्या और एक अन्य टीएमसी नेता सहजान शेख के परिसरों पर छापेमारी कर रही थी। जांच एजेंसी के अनुसार, पश्चिम बंगाल में लाभार्थियों के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का लगभग 30 प्रतिशत राशन खुले बाजार में भेज दिया गया था।
ईडी टीम पर हमला
शुक्रवार को, ईडी अधिकारियों पर संदेशकाली में कथित तौर पर सहजान शेख के समर्थकों की भीड़ ने हमला किया, जब वे कथित राशन वितरण घोटाले में उनके आवास पर छापा मारने जा रहे थे। हमले के दौरान उनकी गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई। जांच एजेंसी ने कहा कि 800-1,000 लोगों का एक समूह मौत का कारण बनने के इरादे से हमले में शामिल था। इस घटना से राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है और राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने हमले को भयानक बताते हुए कहा कि हिंसा को रोकना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पश्चिम बंगाल कोई बनाना रिपब्लिक नहीं है।