उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के कुख्यात अपराधी विनोद उपाध्याय को यूपी एसटीएफ ने सुल्तानपुर में एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. विनोद उपाध्याय सुबह साढ़े तीन बजे बजे एसटीएफ के साथ एनकांउटर में गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया था. जख्मी विनोद को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसने दम तोड़ दिया. यूपी पुलिस के मुताबिक़, विनोद पर प्रदेश के अलग-अलग थानों में हत्या, अपहरण, फिरौती और लूटपाट के 35 मुकदमे दर्ज थे.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, विनोद उपाध्याय लंबे समय से फरार चल रहा था. उस पर एक लाख का इनाम भी घोषित किया था. अधिकारियों को जैसे ही विनोद के बारे में पता चला, तत्काल पुलिस की एक टीम को मौके पर भेजा. लेकिन बदमाश विनोद पुलिस को देखते ही भागने लगा. पुलिसकर्मियों ने उसे रुकने के लिए बोला तो वह फायरिंग करने लगा. ऐसे में पुलिस को भी जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी. बताया जा रहा है कि पुलिस की गोली लगने से वह जख्मी हो गया था. पुलिस उसको इलाज के लिए अस्पताल ले गई थी, जहां उसने दम तोड़ दिया.
अपराधी पर 35 से अधिक केस दर्ज
विनोद अयोध्या के भुईया थाने के पुरवा का रहनेवाला था. विनोद की गिनती गोरखपुर जिले के टाप-10 बदमाशों में होती थी. उस पर प्रदेश के अलग-अलग थानों में 35 से अधिक केस दर्ज थे. पिछले साल जनवरी में पुलिस को पता चला कि वह कानपुर में कहीं छिपा है. लेकिन जब पुलिस वहां पहुंची तो वह मौके से फरार हो गया. इसी दौरान पुलिस को पता चला कि विनोद उपाध्याय का लखनऊ में भी दो फ्लैट हैं. पुलिस वहां गई, लेकिन विनोद नहीं मिला. पिछले साल दाउदपुर के पूर्व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रवीण श्रीवास्तव ने आरोप लगाया था कि विनोद उपाध्याय उसे धमकी दे रहा है.
पुलिस ने किया गिरफ्तार
प्रवीण श्रीवास्तव ने गुलरिहा थाने में विनोद और उसके भाई संजय, नौकर छोटू व दो अज्ञात के खिलाफ रंगदारी मांगने और धमकी देने का केस दज कराया था. पुलिस ने विनोद के भाई संजय पर भी इनाम घोषित किया था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि अपराधी विनोद उपाध्याय के खिलाफ 35 से अधिक केस हैं.