उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेट के खिलाफ दर्ज मामले में हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है. साथ ही दो हफ्ते में जवाब देने को कहा है. यूपी पुलिस ने पिछले साल नवंबर में इस कम्पनी समेत कई संस्थाओ के खिलाफ फर्जी हलाल सर्टिफिकेट बांटने के आरोप में FIR दर्ज किया था.
इन पर आर्थिक मुनाफा हासिल करने के लिए लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ का आरोप है. हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में अपने खिलाफ चल रही आपराधिक कार्यवाही को रद्द करनेकीमांगकीहै. इधर कोर्ट ने हलाल सर्टिफिकेट यूपी में प्रतिबंधित करने को लेकर राज्य सरकार और FSSAI से जवाब तलब किया है.
क्या है यह पूरा मामला?
पिछले साल 18 नवंबर को हलाल सर्टिफाइ़़ड प्रोडक्ट्स के निर्माण, बिक्री, भंडारण और वितरण पर उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था. यह प्रतिबंध बहुत सुर्खियों में रहा था. अब सुप्रीम कोर्ट इसको चुनौती देने वाली हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की रिट याचिका पर सुनवाई कर रही है. इस मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और संदीप मेहता की बेंच कर रही है.
याचिकाकर्ता की क्या है दलीलें?
याचिकाकर्ता के वकील ने इस मामले में अंतरराज्यीय व्यापार पर प्रभाव का हवाला दिया है. वकील ने यह भी दावा किया कि विभिन्न राज्यों में राजनीतिक दल के सदस्यों की ओर से ऐसी शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं और वहां भी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर कवायद शुरू करने का आग्रह किया जा रहा है.