22 दिसंबर को सुभासपा यानी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने अपने बेटे अरुण राजभर के साथ जब सीएम योगी से मुलाक़ात की थी तब सीएम ने उनसे कहा था कि क्यूंकि ये मामला एनडीए गठबंधन का है, इसलिए इस विषय में वो दिल्ली जाकर बात करेंगे. लेकिन ओमप्रकाश राजभर की बेचैनी ने उन्हें इंतज़ार नही करने दिया.
मंत्री बनने की चाहत में वो 29 दिसंबर को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और तीन जनवरी को गृह मंत्री अमित शाह से मिलने दिल्ली चले गएं. गृहमंत्री से मिलने के बाद वो कॉन्फिडेंट दिख रहे हैं. वो दावा कर रहे हैं कि खरमास बाद वो फिर से मंत्री बनने जा रहे हैं. आगामी लोकसभा चुनाव के चलते यूपी में राजनीतिक पार्टियां तैयारियों में जुटी हैं.
खरमास बाद मंत्री बनाने का वादा!
एक तरफ बीजेपी सभी 80 सीटों पर जीत का दावा कर रही है तो वहीं विपक्षी पार्टियां INDIA गठबंधन के जरिए बीजेपी की विजयरथ रोकने की कवायद में जुटी हैं. अमित शाह के साथ हुए मुलाक़ात में सहयोगी दलों की भूमिका प्रभावशाली हो, इस पर गृहमंत्री का खासा ज़ोर था. इस सबके बीच सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का बड़ा बयान आया है. उन्होंने दावा किया है कि खरमास बाद यूपी के मंत्रिमंडल का विस्तार होगा और वह उसमें शामिल हो जाएंगे.
यूपी-बिहार की ये सीटें चाहते हैं राजभर
ओपी राजभर के बेटे और सुभासपा के मुख्य प्रवक्ता अरुण राजभर ने कह है कि उनके पिता ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से राजभर समाज को एसटी का दर्जा देने के संबंध में मुलाकात की. उन्होंने बताया कि राजभर ने लोकसभा चुनाव को लेकर शाह और नड्डा से मुलाकात के दौरान गठबंधन के तहत यूपी की गाजीपुर, बलिया, मऊ, सलेमपुर और चंदौली लोकसभा सीट मांगी है। इसके अलावा बिहार की नवादा, वाल्मीकि नगर, सीवान और काराकाट लोकसभा सीट देने की भी मांग की है.