UP: जौनपुर में रोके गए वाहन, मेडल जीतकर लौट रहे खिलाड़ियों को भी जाना पड़ा पैदल

UP: जौनपुर में रोके गए वाहन, मेडल जीतकर लौट रहे खिलाड़ियों को भी जाना पड़ा पैदल

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हिट एंड रन कानून के विरोध में हड़ताल के नाम पर गुंडागर्दी की बात सामने आ रही है. यहां प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर चल रहे ऑटो, ई-रिक्शा और दूसरी सवारी गाड़ी के ड्राइवर से जबरदस्ती चाभी छीन ली और यात्रियों को उतार दिया. इससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. मंगलवार को जौनपुर में हड़ताल के नाम पर लाठी-डंडे लेकर प्रदर्शनकारियों ने मिर्जापुर-जौनपुर हाईवे से आने जाने वाले निजी यात्री वाहनों को रोका. उनसे चाभियां छीनी और उत्पात मचाया, इससे यात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

जौनपुर में सड़कों पर चल रही गाड़ियों से सवारियों को उतार दिया गया. इसके बाद बच्चे-बूढ़े और महिलाओं को पैदल चलकर जाना पड़ा. इतना ही नहीं ओडिशा से पदक जीतकर लौटे खिलाड़ियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा. गाड़ी नहीं मिलने की वजह से उन्हें पैदल चलकर घर लौटना पड़ा.

ओडिशा से मेडल जीतकर लौट रहे खिलाड़ी भी पैदल गए

ओडिशा से मेडल जीतकर घर लौट रहे नेशनल खिलाड़ियों को भी काफी परेशानियां झेलनी पड़ी. खिलाड़ियों ने बताया कि खेलकर लौटने के बाद वो लोग मिर्ज़ापुर में उतरे तो वहां सवारी के नाम पर केवल ऑटो था. इस दौरान ऑटो वालों ने मनमाना किराया वसूला.जौनपुर के ही रहने वाले नेशनल ताइक्वांडो खिलाड़ी नितेश सेठ, अभिनव मोदनवाल और शौर्य सागर राय उड़ीसा के राउरकेला से लौट रहे थे. खिलाड़ियों ने बताया कि मिर्जापुर से जौनपुर पहुंचने में उन्हें 3 से 4 बार ऑटो बदलनी पड़ी. ऑटो वालों ने उनसे कहीं 800 तो कहीं 900 तो कहीं 300 रु किराया वसूला.हड़ताल से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

लाठी-डंडा लेकर प्रदर्शन

जौनपुर में हड़ताल को सफल बनाने के लिए हाथ में लाठी-डंडे लेकर जबरदस्ती वाहन रोक रहे प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वह सरकार के इस फैसले के खिलाफ है. कोई जानबूझकर एक्सीडेंट नही करता है. इसलिए इस कानून को खत्म किया जाए. जबरदस्ती वाहनों को रोकने की बात पर उन्होंने कहा कि हड़ताल को सफल बनाने के लिए सबको रोका जा रहा है किसी को लाठी-डंडे से पीटा नही जा रहा है.

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