राम मंदिर के उद्घाटन में कुछ हफ्ते बचे होने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राम जन्मभूमि उनके लिए केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक मुद्दा है। राम मंदिर से चुनावी लाभ मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही जब उनसे राम मंदिर से चुनावी लाभ मिलने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, हमारे लिए वोट पाने के लिए यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, राम जन्मभूमि एक हमारे लिए सांस्कृतिक मुद्दा है।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं किसी के कहने पर कुछ नहीं कहना चाहता। मैं भगवान राम से यही प्रार्थना करना चाहता हूं कि जिनकी बुद्धि किसी कारणवश खराब हो गई है, उनकी बुद्धि सुधार दी जाए। शुद्धि हो जाये। राम सबके थे, सबके हैं और सबके रहेंगे। आपको बता दें कि राम मंदिर को लेकर देश में राजनीति खूब हो रही है। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर बनाने की इजाजत देने के बाद यह धीरे-धीरे एक राजनीतिक स्टंट और चुनावी मुद्दा बन गया...मेरा मानना है कि वे बड़ी चतुराई से भगवान राम को धर्म की परिधि से राजनीति में लाने की कोशिश कर रहे हैं।
शिवसेना (यूबीटी गुट) नेता संजय राउत ने कहा था कि पीएमओ और सरकार अयोध्या से काम करेंगे। वे केवल राम के नाम पर वोट मांगेंगे क्योंकि उन्होंने और कुछ नहीं किया है। हम भी राम के भक्त हैं, वास्तव में, हम राम के सबसे बड़े भक्त हैं और हमारी पार्टी ने राम मंदिर के लिए बहुत बलिदान दिया है... वे हमारे देश को 5000 वर्ष पीछे ले गये हैं। उन्होंने कहा कि ये सब राजनीति है, बीजेपी के कार्यक्रम में कौन जाना चाहता है? यह कोई राष्ट्रीय कार्यक्रम नहीं है. ये बीजेपी का कार्यक्रम है, ये बीजेपी की रैली है. उसमें पवित्रता कहां है?...बीजेपी का कार्यक्रम खत्म होने के बाद हम (अयोध्या) जाएंगे।