UP: शब्दों में नहीं कर सकते बयां खुशी… मुख्य पुजारी ने बताया रामलला ने किन-किन मुश्किलों का सामना किया

UP: शब्दों में नहीं कर सकते बयां खुशी… मुख्य पुजारी ने बताया रामलला ने किन-किन मुश्किलों का सामना किया

अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में अब महज कुछ ही दिन बचे हैं. इस दिन का इंतजार हर शख्स को था और अब जल्द ही सालों का ये इंतजार खत्म होने जा रहा है. लोग इस दिन के लिए न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों में भी काफी उत्साहित हैं. वहीं श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने भी इस पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि इस खुशी को वो लफ्जों में बयां नहीं कर सकते.

आचार्य सत्येंद्र दास ने मंदिर को लेकर किए गए दशकों के संघर्ष को याद किया. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी समस्या से पीड़ित हो और समस्या का समाधान हो जाए तो जो खुशी मिलती है, उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि भगवान राम को 28 सालों तक एक छत्र में रहना पड़ा, लेकिन जितनी भी परेशानियां और कठिनाइयां थीं अब वो दूर हो गई हैं. हर समस्या का समाधान हो गया है.

‘लंबे समय से था इस दिन का इंतजार’

आचार्य सत्येंद्र दास ने मंदिर की स्थापना पर खुशी जताते हुए कहा कि अब एक स्थायी मंदिर बन गया है, भगवान की नई मूर्ति भी तैयार है. जिसे 22 जनवरी को मंदिर में प्रतिष्ठित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस दिन का लंबे समय से बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था. इसके साथ ही उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि जब उन्हें 1 मार्च, 1992 को पहली बार पुजारी बनाया गया था, तो राम लल्ला उस विवादित ढांचे में विराजमान थे, जिसे बाबरी मस्जिद कहा जाता था.

‘अस्थायी मंदिर में विराजमान थे भगवान राम’

आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि 6 दिसंबर, 1992 को विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद मूर्ति हटाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था. मूर्ति को सिंहासन को हटा कर दूर रख दिया गया था. उन्होंने कहा कि कारसेवकों ने पत्थरों को हटा कर उस जगह को पूरी तरह से समतल कर दिया था. उसके बाद चारों तरफ खंभे लगाए गए और पर्दा लगाकर एक अस्थायी मंदिर का निर्माण किया गया, जहां रामलला विराजमान थे. उन्होंने बताया कि 6 दिसंबर बाद से ही वहां प्रार्थनाएं भी शुरू हो गई थीं.

‘ठंड और बारिश में होती थी परेशानी’

इसके अलावा आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि इस दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. बारिश और ठंड में काफी परेशानी होती थी. कोर्ट के आदेश के बाद वहां वाटरप्रूफ और फायरप्रूफ पवेलियन लगाया गया. उन्होंने कहा कि सभी समस्याओं का आखिरी समय तक सामना किया और आखिर में सब ठीक हो गया.

16 जनवरी से शुरू होगा भगवान राम का अभिषेक

आपको बता दें कि 16 जनवरी से भगवान राम का अभिषेक शुरू होगा जो सात दिनों तक चलेगा. इस दौरान सरयू नदी के तट पर ‘दशविध’ स्नान, विष्णु पूजा और गायों को प्रसाद दिया जाएगा. 7 जनवरी को रामलला की मूर्ति, जिसमें भगवान राम को पांच साल की उम्र में दर्शाया गया है, उसके साथ एक जुलूस अयोध्या पहुंचेगा, श्रद्धालु मंगल कलश में सरयू नदी का जल लेकर राम जन्मभूमि मंदिर पहुंचेंगे.

18 जनवरी को गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू होंगे, 19 जनवरी को पवित्र अग्नि जलाई जाएगी, इसके बाद ‘नवग्रह’ की स्थापना और ‘हवन’ किया जाएगा. 20 जनवरी को सरयू जल से राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह को धोया जाएगा, जिसके बाद वास्तु शांति और ‘अन्नाधिवास’ अनुष्ठान किया जाएगा. 21 जनवरी को रामलला की मूर्ति को 125 कलशों के जल से स्नान कराया जाएगा. इसके बाद आखिरी दिन 22 जनवरी को सुबह की पूजा के बाद दोपहर में ‘मृगशिरा नक्षत्र’ में रामलला के विग्रह का अभिषेक किया जाएगा.

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