भारत के ज्यादातर जगहों में इस वक्त जमकर ठंड पड़ रही है. पहाड़ी इलाकों में तो बर्फबारी भी होने लगी है. दिल्ली-एनसीआर में तो ठंड के साथ-साथ घने कोहरे की चादर है. साथ ही हवा का स्तर भी खराब चल रहा है. यही हाल कई और भी राज्यों में है. ऐसे में काफी सारे लोग फोन के जरिए वेदर अपडेट लेते रहते हैं और यहीं से हुई एक चूक का फायदा हैकर्स उठाना चाहते हैं. क्योंकि, एंड्रॉयड के इंटरफेस में वैसे तो मौसम की जानकारी दी जाती है. लेकिन, कई लोग अलग से ऐप भी डाउनलोड करते हैं और यही ऐप लोगों को कई बार भारी पड़ जाते हैं. आइए जानते हैं कैसे?
दरअसल गूगल प्ले स्टोर में आए दिन ऐसे कई ऐप्स सामने आते हैं जो ट्रोजन या मैलवेयर से लैस होते हैं. रिपोर्ट किए जाने पर गूगल इन्हें डिलीट भी करता है. अब एक रिपोर्ट से ये जानकारी मिली है कि कुछ वेदर ऐप्स भी हैं जो ट्रोजन या मैलवेयर से लोडेड होते हैं. ऐसे में इनसे बचना चाहिए. ऐसे ऐप्स आपकी निजी डेटा चुराते हैं. इनमें आपके फाइनेंशियल डेटा भी शामिल हो सकते हैं, जिससे आपका अकाउंट खाली हो सकता है.
साथ ही ये वेदर ऐप्स इंस्टॉल किए जाने के बाद यूजर्स से कई तरह के परमिशन की मांग करते हैं. अक्सर यूजर्स ऐप्स को ये परमिशन दे भी देते हैं. इसके बाद ये ऐप्स यूजर्स को मौसम की जानकारी देने के साथ ही फोन की सभी एक्टिविटी को ट्रैक भी करने लगते हैं. फिर डिवाइस से ऐसे डेटा को भी निकाल लेते हैं जिनकी जरूरत मौसम की जानकारी देने के लिए नहीं होती है. ऐसे ऐप्स यूजर्स के फोन से कांटेक्ट्स, फ़ोटोज़, लोकेशन और सर्च हिस्ट्री जैसी कई जानकारियों को कलेक्ट करते हैं और इन्हें बाहर की कंपनियों को बेच देते हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक साल 2017, 2018 और 2019 में भी कई ऐसे वेदर ऐप्स के नाम सामने आए थे, जिनसे लाखों यूजर्स का डेटा लीक हो गया था.