नई दिल्ली: जब भी आपने फ्लाइट में यात्रा की होगी तब क्रू मेंबर ने आपसे फोन को फ्लाइट मोड में ही इस्तेमाल करने की हिदायत दी होगी. ऐसे में लगभग सारे लोग यही समझते हैं कि फ्लाइट मोड का फोन में इस्तेमाल केवल हवाई यात्रा में ही किया जाता है. लेकिन, हम आपको यहां बताने जा रहे हैं कि कैसे फ्लाइट मोड आपकी मदद कई और मौकों पर भी कर सकता है.
बैटरी बचाने के लिए
वायरलेस कनेक्शन्स बंद होने से बैटरी जल्द खत्म नहीं होती. ऐसे में आप फोन को लंबे समय तक इस्तेमाल कर सकते हैं. ये फीचर आपको खासतौर पर ऐसे समय में काफी मदद करता है जब आप ट्रैवल कर रहे हों या आपके पास चार्जिंग पॉइंट्स का लिमिटेड एक्सेस हो.
फास्ट चार्जिंग के लिए
अगर आपके पास समय कम हो और आप चाहते हों कि आपका फोन जल्द से जल्द चार्ज हो जाए तो आप फोन को चार्जिंग में लगाकर एयरप्लेन मोड ऑन कर सकते हैं. इससे फोन के कई सारे वायरलेस कनेक्शन्स बंद हो जाते हैं और फोन को जल्द से जल्द चार्ज करने में मदद मिलती है.
फोकस और प्रोडक्टिविटी
कॉल्स और नोटिफिकेशन्स के बंद हो जाने से एयरप्लेन मोड एक डिस्ट्रैक्शन-फ्री माहौल क्रिएट कर देता है. ऐसे में आपको शांत रहकर किसी काम में फोकस में मदद मिलती है और आप अपनी प्रोडक्टिविटी को बढ़ा सकते हैं.
सिक्योरिटी
हॉस्पिटल या लाइब्रेरी जैसे सार्वजनिक स्थानों पर कुछ लोग प्राइवेसी या सुरक्षा कारणों से वायरलेस कनेक्शन को बंद करना भी पसंद करते हैं. क्योंकि एयरप्लेन मोड यह सुनिश्चित करता है कि आपके डिवाइस से कोई अनवांटेड सिग्नल्स सेंसिटिव इक्विपमेंट्स को प्रभावित न करे.
नेटवर्क रिसेट करने के आता है काम
एयरप्लेन मोड नेटवर्क को रिसेट करने में मदद करता है. क्योंकि, आपके डिवाइस के Wi-Fi, ब्लूटूथ और सेलुलर नेटवर्क मॉडेम्स को रिस्टार्ट कर देता है. इससे इन्हें एरिया में बेस्ट सिग्नल ढूंढने के लिए फोर्स होना पड़ता है.
यानी कुलमिलाकर बात करें तो एयरप्लेन मोड फ्लाइट के बाहर भी कई तरीकों से आपकी मदद करता है. ऊपर बताए गए पॉइंट्स के अलावा रोमिंग चार्ज से बचने और डिजिटल डिटॉक्स जैसे और भी काई कामों में एयरप्लेन मोड काम आता है.