राम मंदिर के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को आवंटित की गई 70 एकड़ जमीन का ले आउट सामने आया है. प्रेस कांफ्रेंस के जरिए इसको सार्वजनिक किया गया है. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर क्षेत्र के 70 एकड़ के ले आउट प्लान का बताया है.
मंदिर को भव्य रूप के साथ आधुनिक भी बनाया जा रहा है. सुरक्षा के साथ सहूलियतों का भी विशेष ध्यान रखा गया है. वहीं, कुबेर टीला पर जटायु की स्थापना की गई है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर के ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर का काम पूरा हो चुका है. सेकंड फ्लोर पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इस मंदिर के चारों और एक दीवार बनाई जा रही है, उसका काम चल रहा है.
प्रदेश की पहली सुरक्षा दीवार है परकोटा दीवार
परकोटा दीवार सुरक्षा दीवार है. इस दीवार को परकोटा दीवार कहेगे। यह परकोटा दीवार प्रदेश की पहली दीवार होगी. मंदिर के चारों दिशाओं में बने परकोटे की लंबाई 750 मीटर. दीवार की एक निश्चित मोटाई दी गई है. ये दीवार 14 फीट चौड़ी है, मतलब 4 मीटर से भी ज्यादा है. परकोटे की दीवार 2 मंजिला है. पहली मजिल में कार्यालय बनाए जा रहे हैं. इसके लिए कमरे बनाए गए हैं. परकोटे की दूसरी मंजिल परिक्रमा के लिए होगी. इसकी चारो बुझाओ पर मंदिर बनाए जाएंगे. जिसमें सूर्य मंदिर, शिव मंदिर, भगवती मंदिर और गणेश मंदिर शामिल होंगे.
पूरब से प्रवेश और दक्षिण दिशा से होगा निकास
राममंदिर के चारों ओर मजबूत दीवार बनाई जा रही है. मंदिर में प्रवेश और निकास के लिए द्वार बनाए जाएंगे. तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार राममंदिर का प्रवेश द्वार पूरब दिशा में होगा. दक्षिण दिशा में राम मंदिर का निकास द्वार है. वहीं, मंदिर में 33 सीढ़ियां चढ़ने के बाद प्रवेश होगा. मंदिर में निर्माण कार्य अब पहले से भी तेज गति से चल रहा है.
गर्भ गृह में होगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा गर्भ गृह में होगी. 22 जनवरी 2024 को इसका आयोजन किया जाएगा. गर्भ गृह बन कर तैयार हो चुका है. उन्होंने बताया कि यहां देश की 125 पूजा परंपरा आएगी. 23 जनवरी से मंडल पूजा होगी जो 48 दिन तक चलेगी. उनके अनुसार, ये पूजा शास्त्रो में लिखी हुई है.
भक्तों को मिलेगी अत्याधुनिक सुविधाएं
राम मंदिर निर्माण में रामलला के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा गया है. यहां 25 हजार भक्तों का सामान रखने के लिए लॉकर बनाए गए हैं. भक्तों के जूता-चप्पल, मोबाइल, पर्स रखने की व्यवस्था पीएफसी(pilgrim facilty centre) में होगी. मंदिर परिसर में गर्मियों के दिनों में पैर नहीं जले इसकी व्यवस्था की जा रही है. मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले विकलांग और वृद्ध भक्तों के लिए रैंप और लिफ्ट बनाई जाएगी.
बनेगा अस्पताल, बचाया जाएगा बारिश का जल
मंदिर में स्वास्थ्य सेवा का भी ख्याल रखा गया है. किसी के बीमार होने पर उसे चिकित्सा सेवा प्रदान की जा सकेगी इसके लिए यहां एक छोटा चिकित्सालय बनाया जाएगा. तीर्थयात्रियों के टॉयलेट के लिए एक बड़ा कॉम्प्लेक्स बनाया गया है. इसका वेस्टेज नगर निगम के सीवर में नहीं जाएगा. इसके लिए 2 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे. जीरो डिस्चार्ज पॉलिसी होगी यानी कोई भी वेस्ट मैटेरियल मंदिर से बाहर नहीं जाएगा. विद्युत व्यवस्था के लिए राम मंदिर के लिए 33 KV की डेडीकेटेड लाइन होगी. फायर ब्रिगेड के लिए सरयू के बगल वाले स्थान पर वाटर रिजर्वायर बनेगा. वहीं बारिश के पानी को बचाने के लिए जल संचय भी किया जाएगा.