मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लगभग तीन महीने तक बाड़ों तक सीमित रहने के बाद, 17 दिसंबर से चार चीतों को वापस जंगल में छोड़ दिया गया। छोड़े गए चीतों में से एक, अग्नि नाम का चीता राजस्थान में चला गया। अधिकारियों ने इसे 25 दिसंबर को राज्य के बारां जिले में ट्रैंकुलाइज किया और वापस कूनो ले आए। अग्नि प्रोजेक्ट चीता के हिस्से के रूप में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए गए 20 वयस्क चीतों में से एक है। 25 दिसंबर की शाम को, अधिकारियों ने अग्नि को पकड़ा गया, जो निकटवर्ती कुनो राष्ट्रीय उद्यान से लगभग 50 किलोमीटर दूर, राजस्थान के बारां जिले के केलवाड़ा के जंगल में घुस गई थी।
समाचार रिपोर्टों के अनुसार चीता को कुनो में वापस लाया गया है - जहां प्रोजेक्ट चीता चल रहा है। अधिकारी ने बताया कि मादा चीता, अग्नि को रविवार को पारोंड वन रेंज में वायु नामक एक अन्य चीते के साथ जंगल में छोड़ा गया था, यह रेंज कुनो राष्ट्रीय उद्यान के अहेरा पर्यटन क्षेत्र का हिस्सा है। कुनो वन प्रभाग के अधिकारी ने बताया, ‘‘अग्नि पड़ोसी राज्य राजस्थान के बारां जिले के जंगल में पहुंच गया। मादा चीता को सोमवार को बेहोश किया गया और कुनो राष्ट्रीय उद्यान वापस लाया गया। इसे एक बाड़े में स्थानांतरित किया जा रहा है।’’
सितंबर 2022 में नामीबिया से आठ चीतों को यहां लाया गया था, जबकि इस साल फरवरी में 12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था। इस साल मार्च में चार शावकों का जन्म हुआ। इस साल मार्च से अब तक तीन शावकों समेत नौ चीतों की मौत हो चुकी है। बाकी 15 चीते अगस्त से ‘बोमास’ (विशेष बाड़े) में हैं। अब तक चार चीतों को जंगल में छोड़ा जा चुका है, जिससे पर्यटक उनका दीदार कर सकते हैं।