उत्तर प्रदेश के कन्नौज में कुर्की की नोटिस चिपकाने के दौरान हुए एनकाउंटर की इनसाइड स्टोरी भी है. दरअसल इस वारदात का पैटर्न काफी हद तक कानपुर के बिकरु कांड की तरह का है. बिकरु कांड में भी पुलिस बेखबर थी. इस वारदात में भी पुलिस को उम्मीद ही नहीं थी कि बदमाश घर के अंदर ही है. जबकि बदमाश मुन्ना यादव को पहले ही सूचना मिल गई थी कि उसके घर पुलिस आ रही है. बदमाश मुन्ना ने पुलिस की इस लापरवाही का फायदा उठाया और पुलिस को देखते ही फायर खोल दिया. इस वारदात में गोली लगने से कन्नौज पुलिस के एक सिपाही सचिन राठी की मौत हो गई है.
मामला कन्नौज के मामला विशुनगढ़ थाना क्षेत्र के धीरपुर नगरीय गांव का है. पुलिस के मुताबिक हत्या, हत्या का प्रयास और रंगदारी के करीब दो दर्जन से अधिक मामलों में वांछित मुन्ना यादव कन्नौज और आसपास के जिलों का मोस्ट वांटेड अपराधी है. पुलिस की कस्टडी से भागने के बाद वह दो साल से फरार चल रहा था. उसके आपराधिक इतिहास को देखते हुए कन्नौज की अदालत ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए कुर्की के आदेश किए थे. सोमवार की शाम को कन्नौज पुलिस इस बदमाश के घर कुर्की का नोटिस चिपकाने गई थी.
पुलिस के आने की थी सूचना
पुलिस सूत्रों के मुताबिक कोर्ट से गैरजमानती वारंट जारी होने के बाद दो दिन पहले पुलिस इस बदमाश को अरेस्ट करने भी गई थी. उस समय पुलिस को बताया गया था कि यह बदमाश दो साल से घर नहीं लौटा. ऐसे में पुलिस बेफिक्र थी कि यह बदमाश इस समय भी घर में नहीं है. ऐसे में बेहद लापरवाही पूर्वक पुलिस टीम उसके घर के बाहर नोटिस चिपकाने पहुंच गई. जबकि बदमाश मुन्ना यादव को पहले ही खबर मिल गई थी कि पुलिस नोटिस लगाने के लिए आ रही है. ऐसे में मुन्ना और उसका बेटा पहले से ही दीवार की ओट लेकर बैठे थे. जैसे ही इन बदमाशों ने पुलिस को देखा, अचानक से फायर खोल दिया.
सिपाही की जांघ में लगी गोली
इस वारदात में नोटिस लेकर आगे बढ़ रहे सिपाही सचिन राठी की जांघ में गोली लगी और वह मौके पर गिर कर तड़पने लगे. वहीं बाकी पुलिसकर्मी भी जीप की आड़ लेकर मोर्चा संभाल लिए. तत्काल मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई. इसके बाद जैसे ही अतिरिक्त पुलिसबल मौके पर पहुंचा, ये दोनों बदमाश बाप बेटे पीछे के रास्ते से भागने लगे. ऐसे में पुलिस ने इनकी पैर में गोली मारकर दबोच लिया है. उधर, घायल पुलिसकर्मी को पहले सदर और फिर कानपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां रात भर मौत से जूझने के बाद मंगलवार की सुबह उसकी मौत हो गई.
24 साल से अपराध है मुन्ना
पुलिस के मुताबिक हिस्ट्रीशीटर मुन्ना यादव ने सुरक्षा के लिहाज से ही गांव से बाहर निकल कर खेत में घर बनाया था. राजनीति में हनक बनाने के लिए उसने अपनी पत्नी को ग्राम प्रधान भी बनाया. पुलिस के मुताबिक यह बदमाश करीब 24 साल से अपराधों को अंजाम दिया है. इस दौरान इसने 10 से अधिक हत्या और हत्या के प्रयास को अंजाम दिया है. जबकि इससे इधिक रंगदारी, पुलिस के हथियार लूटने के मामले दर्ज हैं. इस बदमाश ने 1998 में एक सरकारी टीचर को गोली मार दी थी. वहीं मुकदमे की पैरवी करने पर टीचर के बड़े भाई को सरेआम गोलियों से छलनी कर दिया था. इसके बाद तीन साधुओं की हत्या की.