रविवार की सुबह टीम इंडिया जब सेंचुरियन में नैट प्रैक्टिस के लिए पहुंची तो टीम के सबसे बड़े दिग्गज एख बार फिर से नदारद थे. आनन-फानन में कई रिपोर्टर ने जल्दबाजी के चक्कर में ब्रेकिंग न्यूज़ चलवा दी कि कोहली पहले टेस्ट में नहीं खेलेंगे. लेकिन, ठीक आधे घंटे बाद कोहली नैट्स में कप्तान रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ के साथ बात-चीत में तल्लीन थे. अगर इस भारतीय टीम के साथ पिछले 2 साल के हर दौरों पर एक बात मैंने देखी और महसूस की है तो वो ये कि कोहली का सम्मान राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा बहुत ही ज्यादादा करते हैं. और शायद यही वजह है कि भले ही पूरी दुनिया कोहली के अफ्रीका दौरे पर नहीं होने की बातों पर बेवजह सर खपा रही थी वहीं टीम मैनेजमेंट निश्चित था क्योंकि उन्हें पता है कि कोहली ने यूं ही इस देश में 50 से ज्यादा का टेस्ट औसत नहीं रखा है जो काम सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के नाम भी नहीं है
भारतीय क्रिकेट टीम फिलहाल साउथ 2 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए तैयारियों में जुटी हुई है. वर्ल्ड कप फाइनल की मायूसी पर अगर कोई जीत मरहम का काम कर सकती है तो वह इस बार साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जीतना ही होगा जिसके लिए हर कोई कड़ी मेहनत कर रहे हैं. भारतीय टीम ने आगामी टेस्ट सीरीज के लिए रविवार को नेट्स प्रैक्टिस की, सभी खिलाड़ी जमकर पसीना बहाते नजर आए. रोहित ब्रिगेड की तैयारियों में 3 बातें ऐसी दिखीं जो यह बताती हैं कि इस बार कुछ खास है. जैसे कि भारत ने 45 खिलाड़ियों को साउथ अफ्रीका दौरे पर भेजा है. कोच राहुल द्रविड़ ने वनडे सीरीज पर फोकस नहीं किया, इसकी बजाय वे टेस्ट टीम से जुड़ गए. श्रेयस को वनडे सीरीज छुड़वाकर टेस्ट टीम के कैंप में बुलाना भी बताता है कि भारतीय टीम टेस्ट सीरीज को लेकर कितनी गंभीर है.
टीम इंडिया के मौजूदा दौरे से पहले अगर एक नजर इतिहास के पन्नों पर डालें तो साउथ अफ्रीका की धरती पर टीम इंडिया की यह 9वीं टेस्ट सीरीज है, और आज भी टीम को सीरीज जीत का इंतजार है. भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका में अब तक खेली गई 8 टेस्ट सीरीज में 7 सीरीज गवां दी, जबकि एक सीरीज में टीम ने बराबर पर खत्म किया था.
साउथ अफ्रीका दौरे पर भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी करने वाले खिलाड़ियों की बात करें तो इंडियन टीम सबसे पहली बार मोहम्मद अजरुद्दीन की अगुवाई में टेस्ट मैच खेलने साउथ अफ्रीका पहुंची थी, 4 मैचों की टेस्ट सीरीज के 3 मैच ड्रॉ रहे थे, जबकि मेजबानों ने एक मैच जीतकर सीरीज अपने नाम कर ली. इसके बाद सचिन तेंडुलकर (1996-97), सौरव गांगुली (2001) के कप्तानी में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका का दौरा किया, लेकिन टीम इंडिया ने एक मैच भी नहीं जीत सकी. टीम इंडिया को पहली जीत साल 2007 में मिली, जब टीम राहुल द्रविड़ की अगुवाई में साउथ दौरे पर गई थी, हालांकि सीरीज उस दौरे पर भी टीम इंडिया हार गई थी. राहुल द्रविड के बाद महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय दल दो बार टेस्ट खेलने साउथ अफ्रीका गया टीम एक सीरीज हार गई और एक सीरीज बराबर कर ली, लेकिन टेस्ट सीरीज जीतने का सपना नहीं पूरा हुआ. जब विराट कोहली भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान बने तो उनसे काफी उम्मीदें थी, लेकिन उनके अगुवाई में भी भारतीय टीम का सपना पूरा नहीं हो सका.
45 खिलाड़ियों को साउथ अफ्रीका भेजा
अब एक बार फिर भारतीय टीम साउथ अफ्रीका के धरती पर टेस्ट सीरीज खेलने के लिए तैयारी कर रही है, इस बार टीम के कप्तान रोहित शर्मा है. अगर भारतीय टीम के कैंप को देखा जाए तो ऐसा लगता है कि बीसीसीआई ने भी इस बार कमर कस ली है और कोई भी कसर बाकी नहीं रहने देना चाहती. भारत के मौजूदा दौरे पर काफी काफी कुछ नया हुआ, जिसको देखकर लगता है कि बीसीसीआई 3 दशक से चले आ रहे टेस्ट सीरीज जीतने के सूखे को खत्म करने के लिए तैयार है. सबसे पहले तो चयनकर्ताओं ने वनडे, टी20 और टेस्ट फॉर्मैट के लिए तीन अलग टीम तीन अलग कप्तान चुनकर पहले ही यह संकेत दे दिया था कि वह इस बार कोई भी कमी नहीं रहने देना चाहते. साथ ही टीम इंडिया युवा खिलाड़ियों का इंडिया ए स्क्वाड भी साउथ अफ्रीका दौरे पर भेजा गया, जो सीनीयर्स के साथ 3 दिवसीय इंट्रा स्क्वाड मैच भी खेले. बीसीसीआई ने इस बार लगभग 45 खिलाड़ियों को साउथ अफ्रीका दौरे पर भेजा जो कि आज तक नहीं हुआ था.
कोच द्रविड़ वनडे सीरीज छोड़ टेस्ट टीम से जुड़े
भारतीय टीम टेस्ट सीरीज को लेकर कितना सीरियस है यह मौजूदा दौरे पर यह देखकर स्पष्ट हो गया, जब भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़ एंड कंपनी ने वनडे सीरीज छोड़कर टेस्ट टीम के खिलाड़ियों के साथ जुड़ गई. साथ ही जारी वनडे सीरीज के बीच श्रेयस अय्यर को रिलीज करके टेस्ट टीम के कैंप में बुलाना यह एक संदेश था कि टीम इंडिया टेस्ट सीरीज को लेकर एकदम स्पष्ट है. श्रेयस अय्यर पहले वनडे मैच के बाद टेस्ट टीम के साथ 3 दिवसीय इंट्रा स्क्वाड गेम खेलने के लिए चले गए, यह एक साफ संदेश था कि भारतीय टीम इस बार की टेस्ट सीरीज के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती.
बहरहाल भारतीय टीम 26 दिसंबर से सेंचुरियन के सुपर स्पोर्ट्स पार्क में खेले जाने वाले बॉक्सिंग डे टेस्ट के लिए तैयारियों में जुटी हुई है. रविवार को भारतीय टीम का नेट्स प्रैक्टिस था, जिसमें सभी खिलाड़ियों ने जमकर मेहनत की, टीम इंडिया के लिए अच्छी बात यह रही कि प्रैक्टिस शुरू होने से पहले टीम के स्टार क्रिकेटर विराट कोहली भी टीम से जुड़ गए. विराट कोहली कुछ निजी कारणों से टीम इंडिया के साथ नहीं थे, और 3 दिवसीय इंट्रा स्क्वाड मैच भी नहीं खेले. लेकिन आज प्रैक्टिस शुरू होने से पहले ही वह टीम के साथ जुड़ गए.
मुकाबले से पहले पिच पर नजर डाली जाए तो पिच पर हल्की घास देखने को मिली, इसको देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि तेज गेंदबाज इस मैच में अहम भूमिका निभाएंगे. भारतीय टीम को मोहम्मद सिराज और बुमराह से काफी उम्मीद होगी, चूकि मोहम्मद शमी चोट की वजह से इस सीरीज का हिस्सा नहीं हैं तो भारतीय टीम पर एक बड़ी चुनौती यह भी होगी कि वह जिस खिलाड़ी को प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनाए वह बेहतरीन प्रदर्शन करे और साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जीतने के सपने को साकार करे. टीम इंडिया के पास तेज गेंदबाजी में शमी की जगह लेने के लिए प्रसिद्ध कृष्णा और मुकेश कुमार विकल्प के तौर पर उपलब्ध हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा के नेतृत्व वाली टीम मैनेजमेंट पहले टेस्ट मैच के लिए क्या रणनीति बनती है क्योंकि इस मैदान पर आने वाले एक हफ्ते बारिश भी मेहमान बनकर आती-जाती रहेगी और ऐसे में शार्दुल ठाकुर, रविचंद्रन अश्विन और रवीद्र जडेजा में से तीन में से दो ऑलराउंडर का चयन भी एक बड़ा सरदर्द साबित हो सकता है.