22 जनवरी, 2024 को भारत एक ऐसी घटना का गवाह बनने जा रहा है, जिसका पूरा देश लगभग दशकों से बेसब्री से इंतजार कर रहा है. इस दिन अयोध्या के राम मंदिर का उद्घाटन होगा. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित रहेंगे. पहले विवादास्पद भूमि के लिए संघर्ष और उसके बाद मंदिर का निर्माण 1947 में देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद भारत के इतिहास की सबसे ऐतिहासिक घटनाओं में से एक है.
राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में विभिन्न संप्रदायों के लगभग 4,000 संतों के साथ-साथ लगभग 8,000 लोगों के भाग लेने की उम्मीद है. विशेष रूप से, सोमपुरा परिवार ने मंदिर की संरचना तैयार की है. यह परिवार भी उद्घाटन समारोह में हाजिर रहेगा. सोमपुरा ने सदियों से दुनिया भर में 200 से अधिक मंदिरों को डिजाइन किया है, जिसमें प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर भी शामिल है.
बता दें कि सोमपुरा सलात गुजरात का एक पत्थर-श्रमिक समुदाय है और यह दक्षिणी राजस्थान, विशेषकर मेवाड़ में बसा हुआ है. ‘सलात’ शब्द शिलावत से आया है, जो मंदिर वास्तुकार के लिए प्राचीन शब्द था.
यह समुदाय अपने व्यवसाय के रूप में कलात्मक और मूर्ति निर्माण का काम करता है. यह समुदाय आशापुरा माता को कुल देवी के रूप में पूजा करता है. भगवान शिव समुदाय के मुख्य देवता हैं और समुदाय के लोग कलात्मक नक्काशी और मूर्तिकला के साथ-साथ कलात्मक पत्थर से मूर्ति बनाने के काम में माहिर माने जाते हैं.
राम मंदिर के मुख्य वास्तुकार कौन हैं?
चंद्रकांत सोमपुरा अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य वास्तुकार हैं. उनके दादा प्रभाशंकर ओघड़भाई नागर शैली के मंदिरों के अग्रणी डिजाइनरों में से एक थे, जिन्होंने आधुनिक सोमनाथ मंदिर का डिजाइन और निर्माण किया था.
चंद्रकांत एक ऐसे परिवार से आते हैं, जिसने भारत में 200 से अधिक संरचनाओं को डिजाइन किया है और वह अपने परिवार की 15वीं पीढ़ी हैं, जो मंदिरों को डिजाइन करने की कला को आगे बढ़ा रहे हैं. सोमपुरा ने मुंबई में स्वामीनारायण मंदिर और कोलकाता में प्रसिद्ध बिरला मंदिर को भी डिजाइन किया है.
लगभग 32 साल पहले, विश्व हिंदू परिषद के पूर्व प्रमुख अशोक सिंघल ने बिरला परिवार के माध्यम से चंद्रकांत सोमवार से अयोध्या में राम मंदिर के लिए एक डिजाइन लाने के लिए संपर्क किया था. दिलचस्प बात यह है कि जब वह उस समय जमीन की टोह लेने के लिए अयोध्या गए थे, तो एक भक्त के रूप में गए थे और उन्हें मास्टर प्लान तैयार के लिए पैरों से जमीन मापनी पड़ी थी.
130 मंदिरों की डिजाइन बना चुके हैं चंद्रकांत सोमपुरा
उन्होंने राम मंदिर के लिए एक भव्य डिजाइन बनाया, जिसे बाद में 1990 के दशक की शुरुआत में इलाहाबाद कुंभ के दौरान संतों द्वारा अनुमोदित किया गया था. साल 2020 में, मूल से कुछ बदलावों के साथ एक नया डिजाइन, सोमपुरा द्वारा हिंदू ग्रंथों वास्तु शास्त्र और शिल्प शास्त्र के अनुसार तैयार किया गया.
राम मंदिर का डिजाइन तैयार करते समय चंद्रकांत को उनके दो बेटों आशीष और निखिल सोमपुरा ने सहायता की थी. राम मंदिर के अलावा, चंद्रकांत ने गांधीनगर में स्वामी नारायण मंदिर और पालनपुर में अंबाजी मंदिर सहित लगभग 130 मंदिरों को डिजाइन किया है.