केन्द्रीय मंत्री आर के सिंह ने कहा है कि बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने के लिए देश में लगभग 88 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) अतिरिक्त तापीय क्षमता स्थापित किए जाने की संभावना है।
बिजली मंत्री ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में बिजली की अधिकतम मांग वर्ष 2030-31 तक 3,50,670 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है और सरकार बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए विभिन्न उपाय कर रही है।
सिंह ने लोकसभा में कहा, ‘‘नवंबर 2022 में प्रकाशित 20वें इलेक्ट्रिक पावर सर्वे (ईपीएस) रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2030-31 में देश में बिजली की अधिकतम मांग 3,50,670 मेगावाट होने की उम्मीद है। हमने देश में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कदम उठाए हैं।’’
मंत्री ने कहा कि 27,180 मेगावाट की तापीय क्षमता निर्माणाधीन है, 12,000 मेगावाट की बोली लगाई जा चुकी है और 19,000 मेगावाट की मंजूरी का काम जारी है। वर्ष 2031-2032 तक कुल तापीय क्षमता वृद्धि 87,910 मेगावाट होने की उम्मीद है।
सिंह ने कहा, इस प्रकार, ताप विद्युत, नवीकरणीय, जल विद्युत और परमाणु सहित निर्माणाधीन कुल क्षमता 1,32,148.5 मेगावाटहै। इसको देखते हुए वर्ष 2031-32 तक कुल क्षमता वृद्धि 4,64,124 मेगावाट होने की संभावना है।