मिचेल स्टार्क को आईपीएल 2024 में खेलने के लिए जितने पैसे मिलेंगे, वह उनकी ही टीम के एक सदस्य से 123 गुना ज्यादा होंगे. यह कुछ ऐसा ही है कि अगर कोलकाता नाइटराइडर्स के मिचेल स्टार्क और सुयश शर्मा टूर्नामेंट में 20-20 विकेट लेते हैं तो हम कह सकते हैं कि ऑस्ट्रेलियन पेसर का एक विकेट तो एक करोड़ से ज्यादा का हुआ और भारतीय स्पिनर का एक विकेट एक लाख रुपए का. अब यह अंतर आपको भले ही हैरान कर रहा हो, लेकिन सच यही है.
क्या आईपीएल में दो खिलाड़ियों को मिलने वाले पैसों में यह अंतर पहली बार सामने आया है या इससे पहले भी ऐसा ही होता था. इस सवाल का जवाब जानने से पहले हम आईपीएल ऑक्शन 2024 के बारे में थोड़ा समझ लेते हैं. ऑक्शन में हर खिलाड़ी को अपना बेस प्राइस तय करने का अधिकार होता है. लेकिन यह बेस प्राइस यानी आधार मूल्य 20 लाख रुपए से कम नहीं हो सकता. 20 लाख रुपए का मिनिमम बेस प्राइस अनकैप्ड खिलाड़ियों का भी तय था. अनकैप्ड, यानी वो खिलाड़ी जो भारत के लिए घरेलू क्रिकेट तो खेल रहे हैं, लेकिन नेशनल टीम के लिए नहीं खेले हैं. प्लेयर्स ऑक्शन की शुरुआत बेस प्राइस से होती है. इसके बाद वह बोली तब तक आगे बढ़ती है, जब तक किसी खिलाड़ी पर आखिरी दांव नहीं लग जाता है.
कमिंस को साथी से 102 गुना से ज्यादा पैसे मिलेंगे
मिचेल स्टार्क पर यह बोली 24.75 करोड़ रुपए में जाकर थमी. स्टार्क पर यह आखिरी बोली कोलकाता नाइटराइडर्स ने लगाई. कोलकाता नाइटराइडर्स ने इसी ऑक्शन में 3 खिलाड़ियों को उनकी बेस प्राइस 20 लाख रुपए में भी खरीदा. बता दें कि केकेआर ऐसी अकेली टीम भी नहीं है, जिसने ऐसा किया. सनराइजर्स हैदराबाद ने भी पैट कमिंस को जहां 20.50 करोड़ रुपए में खरीदा तो 2 खिलाड़ियों को उनकी बेस प्राइस 20 लाख रुपए में भी खरीदा. यानी एसआरएच के दो खिलाड़ियों में भी 102 गुना से ज्यादा का अंतर मिल जाता है.
धोनी को मिली थी 95 गुना बड़ी रकम
आईपीएल के पहले सीजन यानी 2008 की बात करें तो सबसे बड़ी बोली महेंद्र सिंह धोनी पर लगी थी. चेन्नई सुपरकिंग्स ने एमएस धोनी को 9.50 करोड़ रुपए में खरीदकर अपनी टीम का कप्तान बनाया था. आईपीएल 2008 में अनकैप्ड प्लेयर को 10 लाख रुपए का कॉन्ट्रैक्ट मिलता था. यानी 2008 में भी सबसे महंगे खिलाड़ी को अनकैप्ड प्लेयर से 95 गुना बड़ी रकम मिली थी.
149 गुना ज्यादा पैसे मिले थे गंभीर को
इसी तरह 2011 में कोलकाता नाइटराइडर्स ने गौतम गंभीर को 14.90 करोड़ रुपए में खरीदा था. गंभीर उस वक्त आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी थे. साल 2011 में भी अनकैप्ड प्लेयर को 10 लाख रुपए मिलते थे. स्पष्ट है कि आईपीएल 2011 में सबसे महंगे खिलाड़ी को अनकैप्ड प्लेयर से 149 गुना ज्यादा पैसे मिले थे. यानी यह पहला मौका नही है जब सबसे महंगे खिलाड़ी मिचेल स्टार्क और अनकैप्ड प्लेयर के बीच पैसों का अंतर इतना बड़ा रहा है.