बिहार में कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है। इसी कड़ी में बेगुसराय जिले में शराब तस्करों द्वारा कथित तौर पर हमला किए जाने के बाद एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात को हुई जब सब-इंस्पेक्टर (एसआई) खमास चौधरी के नेतृत्व में एक पुलिस टीम शराब ले जा रहे वाहन के पास पहुंची, तभी अज्ञात तस्करों ने टीम पर हमला कर दिया।
जानकारी के अनुसार उसे सूचना मिली थी कि छतौना गांव की ओर से एक चार पहिया वाहन से आल्टो कार में शराब की तस्करी करने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद, चौधरी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय पुलिस टीम शराब तस्करी की कोशिश को रोकने के लिए मौजूद थी। हालांकि, तस्करों ने गति सीमित करने के बजाय कार बढ़ा दी। कार ने एसआई चौधरी को टक्कर मार दी और वह एक पत्थर पर गिर गए, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। इसको लेकर भाजपा नीतीश कुमार की सरकार पर हमलावर हो गई है।
पूरे मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि शराबबंदी की गलत नीतियों के कारण, बिहार के सीएम नीतीश कुमार की जिद के कारण कई निर्दोष लोगों को जेल जाना पड़ा। शराब माफियाओं ने बहुत से लोगों की जान ले ली। माफिया ने एक एएसआई की हत्या कर दी। इसका जिम्मेदार कौन है?- नीतीश कुमार। घटना में घायल होमगार्ड ने बताया, ...कल रात 12 बजे मैं अन्य 3 होम गार्ड जवानों के साथ चेकिंग कर रहा था... पीछे से ऑल्टो कार ने हमें टक्कर मारी... हमले में एक अधिकारी(खामस चौधरी) की मौत हो गई है..।
बिहार सरकार ने 2015 में बिहार राज्य के भीतर नई उत्पाद शुल्क नीति पेश की। शराब की समस्या और इससे संबंधित बुराइयों पर अंकुश लगाने के लिए, इसने 1 अप्रैल 2006 से बिहार राज्य के भीतर शराब की बिक्री और आयात पर प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि बिहार सरकार ने दावा किया कि इसका मुख्य उद्देश्य ऐसे तरल पदार्थों का सेवन करने वाले लोगों के परिवारों पर शराब के सामाजिक प्रभाव को कम करना है, हाल के वर्षों में, ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां जहरीली शराब पीने से 100 से अधिक लोग मारे गए।