New Delhi: 141 सांसदों के निलंबन पर बोलीं Sonia Gandhi, लोकतंत्र का गला घोंटा गया

New Delhi: 141 सांसदों के निलंबन पर बोलीं Sonia Gandhi, लोकतंत्र का गला घोंटा गया

संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र में विपक्षी सांसदों के निलंबन को लेकर बुधवार को कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में इसकी निंदा की गई। कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) प्रमुख सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनाव परिणाम पार्टी के लिए बेहद निराशाजनक रहे। सोनिया ने कहा कि भारी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं लेकिन हमें विश्वास है कि हमारा धैर्य,हमें सफलता दिलाएगा। हमारी विचारधारा और मूल्य हमारे मार्गदर्शक हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ माह में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। पार्टी के और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सदस्य के तौर पर हमें कठिन परिश्रम करना है। 

कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि विविधता भारत की ताकत है, भाजपा ने एकता की इस भावना को योजनाबद्ध तरीके से कमजोर किया है। उन्होंने कहा कि संसद के विपक्षी सदस्यों ने 13 दिसंबर की असाधारण घटनाओं को संबोधित करते हुए लोकसभा में गृह मंत्री द्वारा दिया जाने वाला एक बयान मांगा था। इस अनुरोध के साथ जिस अहंकार के साथ व्यवहार किया गया उसका वर्णन करने के लिए शब्द नहीं हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस सत्र में जम्मू-कश्मीर से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए हैं। जवाहरलाल नेहरू जैसे महान देशभक्तों को बदनाम करने के लिए इतिहास को विकृत करने और ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने वाले लोग लगातार अभियान चला रहे हैं। 

सोनिया ने कहा कि इन प्रयासों में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने खुद मोर्चा संभाला है, लेकिन हम डरेंगे या झुकेंगे नहीं। हम सच बोलने पर कायम रहेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा मानना ​​है कि महिला आरक्षण विधेयक को इस शर्त के साथ पारित किया जाना कि इसे केवल परिसीमन या जनगणना के बाद ही लागू किया जाएगा, महिलाओं को गुमराह करने और उनके वोट हासिल करने के इरादे से किया गया एक दिखावा है, जबकि उन्हें जो हक मिला है, उससे पीछे हटना है। संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व लंबे समय से अपेक्षित है। बर्बाद करने के लिए समय नहीं है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि महिलाओं के लिए आरक्षण तुरंत लागू किया जाना चाहिए और इसमें ओबीसी समुदाय सहित सभी समुदायों की महिलाओं को शामिल किया जाना चाहिए।

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