लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है. पीएम मोदी सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को विकास की सौगात देकर 2024 का शंखनाद करेंगे. वहीं, कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने दिल्ली में उत्तर प्रदेश के अपने नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें लोकसभा चुनाव व सूबे में पार्टी संगठन की सक्रियता को लेकर रणनीति तय होगी. यूपी कांग्रेस नेताओं की यह बैठक विपक्षी गठबंधन INDIA की होने वाली मीटिंग से एक दिन पहले हो रही है, जिसके चलते माना जा रहा है कि इस दौरान शीर्ष नेतृत्व प्रदेश के नेताओं से गठबंधन और सीटों को लेकर भी मंथन करेगा. देखना है कि कांग्रेस यूपी में सपा के साथ ही रहेगी या फिर बसपा की तरफ बढ़ाएगी हाथ?
कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के साथ दिल्ली में होने वाली बैठक में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, आरधना मिश्रा (मोना), वीरेंद्र चौधरी, महासचिव संगठन अनिल यादव, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी, डॉक्टर निर्मल खत्री, राजेश मिश्रा, सलमान खुर्शीद, अजय कुमार लल्लू और शहनवाज हुसैन सहित 41 नेता शिरकत करेंगे. इस दौरान प्रदेश संगठन द्वारा चलाए जा रहे अभियानों और 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी तैयारियों की फीडबैक लिया जाएगा.
बता दें कि विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ की मंगलवार को बैठक है, जिसमें सीट-बंटवारे पर चर्चा होनी है. ऐसे में कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व की सोमवार को यूपी नेताओं के साथ होने वाली बैठक काफी अहम मानी जा रही है. सूत्रों की मानें तो यूपी में गठंबधन और सीटों को लेकर कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व यूपी नेताओं की राय भी जानेगा. कांग्रेस की प्रदेश कमेटी ने 30 से 35 सीटों को चिन्हित करके एक सूची बनाई है, जिन्हें ए, बी और सी श्रेणी में बांट रखा. प्रदेश कांग्रेस कमेटी शीर्ष नेतृत्व के सामने चिन्हित सीटों को रखेगा, जहां पर पार्टी को चुनाव लड़ना है. इसके अलावा सूबे में किस दल के साथ गठबंधन करना कांग्रेस के लिए सबसे मुफीद रहेगा, इस पर भी अपनी राय देगा.
यूपी में विपक्षी गठबंधन INDIA में सपा, आरएलडी और कांग्रेस साथ हैं, लेकिन सीट शेयरिंग को लेकर तीनों ही दलों के अपने-अपने दावे हैं. कांग्रेस की यूपी कमेटी ने 2009 में जीती हुई 23 सीटों और नंबर दो वाली 12 सीटों को चिन्हित करके 2024 में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी पार्टी नेतृत्व के सामने इन सीटों को रखेगी. सूत्रों की माने तो फॉर्मूला बनाया गया है कि पहले कांग्रेस इन सभी 35 सीटों पर दावा पेश करेगी, उसके बाद अगर बात नहीं बनी तो फिर दूसरे राउंड में तीन सीटों को पेश करेगी. एक श्रेणी वाली 20 सीटें हैं, उन्हें रखेगी. इस तरह यूपी कांग्रेस अपने नेतृत्व को वो सभी सीटों की जानकारी, उसके समीकरण और कैंडिडेट तक के नाम देगी ताकि INDIA गठबंधन की बैठक में किसी तरह की दिग्गत न हो. ए श्रेणी की सीटों का निर्धारण पूर्व में मिले वोट के हिसाब से की गई है.
सपा का साथ या बसपा से बात
उत्तर प्रदेश में गठबंधन को लेकर कांग्रेस में दो धड़े हैं और दोनों की अलग-अलग राय है. कांग्रेस का एक धड़ा सपा के साथ गठबंधन बनाए रखने के पक्ष में है तो दूसरा धड़ा बसपा के साथ हाथ मिलाने की बात कर रहा है. दोनों ही धड़ों के अपने-अपने दावे और जीत के फॉर्मूले हैं. सपा के साथ दोस्ती बनाए रखने वाले धड़े का तर्क है कि सूबे में मुख्यमंत्री विपक्ष दल सपा है और उसके साथ जाने में ही फायदा. बसपा कमजोर हो चुकी है, जिसकी वजह से कोई लाभ नहीं मिलेगा.
वहीं, बसपा के साथ समर्थन करने वाले कांग्रेसियों का कहना है कि सपा की तुलना में बसपा को वोट ट्रांसफर आसानी से हो जाता है और भविष्य में मजबूत होना है तो बसपा ही सबसे बेहतर विकल्प है. इसके अलावा यह कहना है कि मुस्लिम वोटर्स सपा का कोर वोटबैंक नहीं हैं बल्कि परिस्थियों की वजह से हैं. सूबे में अगर कांग्रेस, बसपा और आरएलडी एक साथ होंगी तो फिर मुस्लिम वोटर मजबूती के साथ इस गठबंधन के संग होगा.
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस नेतृत्व के साथ उत्तर प्रदेश के नेताओं के साथ होने वाली बैठक में दोनों ही धड़े अपनी-अपनी बात रख सकते हैं. यूपी के एक कांग्रेस नेता ने बताया कि शीर्ष नेतृत्व के सामने इस बात को रखेंगे कि सपा के बजाय बसपा के साथ गठबंधन किया जाना पार्टी के लिए बेहतर कदम होगा. पार्टी को सूबे में फिर से खड़े होने का यह बेहतर मौका है.
बसपा के साथ जाने पर सपा की तुलना में ज्यादा सीटें भी मिल सकती हैं और उसका फायदा सिर्फ यूपी में ही नहीं बल्कि देश के दूसरे राज्यों में भी मिलेगा जबकि सपा के साथ जाने से यूपी के कुछ इलाके में, खासकर मुस्लिम बेल्ट में भी लाभ होगा. इस तरह से देखना होगा कि कांग्रेस नेतृत्व क्या राय बनाता है?
कांग्रेस की इन सीटों पर नजर
कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में जिन सीटों पर चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर रखी है. इसमें यूपी की रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, फूलपुर, फर्रुखाबाद, बांदा, झांसी, सहारनपुर, नगीना, मुरादाबाद, हाथरस, फतेहपुर सीकरी, धौरहरा, पीलीभीत, उन्नाव, कानपुर, लखनऊ, फतेहपुर, घोसी, जौनपुर, गौतमबुद्ध नगर, मथुरा, गोंडा, डूमरियागंज, महराजगंज, सलेमपुर, चंदौली, राबर्ट्सगंज सीटें शामिल हैं. इन सीटों को प्रदेश कांग्रेस कमेटी अपने शीर्ष नेतृत्व के सामने रखेगी, जिस पर भी पूरी तैयारी का फोकस है.