राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले में अपनी जान गंवाने वाले वीर सुरक्षा कर्मियों का राष्ट्र हमेशा ऋणी रहेगा। पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने 13 दिसंबर, 2001 को संसद परिसर पर हमला किया था, जिसमें नौ लोग शहीद हुए थे।
सुरक्षा बलों ने पांचों आतंकवादियों को मार गिराया था। मुर्मू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘बहादुर सुरक्षाकर्मियों ने 22 साल पहले आज ही के दिन देश के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व को खत्म करने और हमारे लोकतंत्र के मंदिर को नुकसान पहुंचाने की आतंकवादियों की नापाक साजिश को नाकाम कर दिया था। इन बहादुर जवानों में मातृभूमि के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले नौ लोग भी शामिल थे।’’
उन्होंने कहा कि राष्ट्र सदैव उनका ऋणी रहेगा। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘उनके बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा क्योंकि हम हर जगह मानव जाति के लिए खतरा बन चुके आतंकवाद के सभी रूपों को खत्म करने की अपनी प्रतिज्ञा आज दोहराते हैं।