New Delhi: उप कप्तान से कप्तान क्यों नहीं बन पाए युवराज सिंह, खुद किया खुलासा

New Delhi: उप कप्तान से कप्तान क्यों नहीं बन पाए युवराज सिंह, खुद किया खुलासा

दिग्गज ऑलराउंडर युवराज सिंह कभी टीम इंडिया में कप्तानी के दावेदार थे लेकिन उनका यह सपना अधूरा ही रह गया. युवी की गिनती के दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडर्स में होती है. वह 2 विश्व कप चैंपियन टीम का हिस्सा रह चुके हैं. भारतीय क्रिकेट का इतिहास जब लिखा जाएगा तब, इस ऑलराउंडर को याद किया जाएगा. टीम इंडिया के पूर्व लेफ्ट हैंड बैटर युवराज सिंह आज यानी मंगलवार को 42 साल के हो गए. युवी टीम इंडिया का कप्तान क्यों नहीं बन पाए, इसका खुलासा उन्होंने खुद किया है. महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर से क्या इसका खास कनेक्शन है? आइए जानते हैं.

2011 वनडे विश्व कप और 2007 टी20 विश्व कप चैंपियन टीम का हिस्सा रहे युवराज सिंह (Yuvraj Singh) जैसा जब सीनियर खिलाड़ी टीम इंडिया में था, तब महेंद्र सिंह धोनी जैसे युवा खिलाड़ी को टीम की कमान सौंपी गई थी. उस टीम में सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और वीरेंद्र सहवाग जैसे सीनियर खिलाड़ी मौजूद थे. युवी ने स्पोर्ट्स 18 चैनल पर संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) को दिए इंटरव्यू में बताया कि आखिर क्यों धोनी (MS Dhoni) को तब कप्तानी दी गई और उन्हें नहीं मिली. टीम इंडिया के इस दिग्गज ऑलराउंडर ने कहा कि ग्रेग चैपल और सचिन तेंदुलकर की वजह से उन्हें टीम इंडिया की कप्तानी नहीं मिली.

‘BCCI के अधिकारी मेरे फैसले से नाराज हो गए’

युवराज सिंह ने कहा, ‘ मुझे अपने साथियों संग खड़ा रहने की सजा मिली. बोर्ड के कई अधिकारियों ने भी मुझे तवज्जों नहीं दी. मुझे लगता है कि मैं जिसके लिए खड़ा था, वह स्टैंड मेरा साफ था. यदि फिर मुझे ऐसा करना पड़े तो मैं करूंगा, खड़ा रहूंगा. मुझे अपने फैसले पर कोई पछतावा नहीं है.’

‘दिली ख्वाहिश थी कप्तान बनने की’

युवी ने इस इंटरव्यू में खुलासा किया है कि उनकी भी हसरत कभी कप्तान बनने की थी लेकिन वह पूरी नहीं हो सकी. संजय मांजरेकर ने जब युवराज सिंह से पूछा कि क्या आपकी इच्छा नहीं थी कि आप कप्तान बनें? इसपर युवी ने कहा, ‘ मेरा भी सपना कप्तान बनने का था, मुझे लगता था कि मैं भी कप्तान बनूंगा, लेकिन जब ग्रेग चैपल विवाद हुआ, तब मेरे पास 2 विकल्प थे. पहला कि मैं ग्रेग चैपल का साथ दूं या दूसरा अपने साथियों के साथ खड़ा रहूं. इस दौरान मैंने अपने साथियों के साथ खड़ा रहना मुनासिब समझा. भारतीय बोर्ड के कई अधिकारियों का मेरा यह फैसला अच्छा नहीं लगा.

‘मुझे अपने फैसले पर पछतावा नहीं’

युवराज सिंह ने कहा कि इसके बाद उनसे अचानक उप कप्तानी छीन ली गई. युवी ने बताया कि उस समय वीरेंद्र सहवाग टीम में नहीं थे और माही (महेंद्र सिंह धोनी) को 2007 टी20 विश्व कप में कप्तान बना दिया गया. मुझे ऐसा लगता है कि उस वक्त जो फैसला मैंने लिया वह मेरे खिलाफ गया. युवी ने कहा, ‘ वीरेंद्र सहवाग सीनियर थे लेकिन वह इंग्लैंड दौरे पर नहीं थे. जब राहुल द्रविड़ वनडे के कप्तान थे तब मैं उप कप्तान था. तब मैं कप्तानी मिलने की उम्मीदें पालने लगा था. लेकिन मैं फिर कहूंगा कि मुझे उस फैसले पर कोई पछतावा नहीं है.’

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