झारखंड से कांग्रेस सांसद धीरज साहू से जुड़े परिसरों से करोड़ों रुपए की बरामदगी को देखकर देश हैरान है लेकिन कांग्रेस और इंडी गठबंधन के नेता चुप्पी साधे हुए हैं। कांग्रेस सांसद धीरज साहू के परिसरों से बरामद नोटों के बंडल जिस तरह अलमारियों में भरे पड़े हैं, टेबलों पर फैले पड़े हैं, नोट गिनने वाली मशीनें हांफती दिख रही हैं और आयकर विभाग के स्टाफ से अतिरिक्त लोग ओवर टाइम करके नोट गिनते दिख रहे हैं, उसके बारे में यह भी कहा जा रहा है कि यह तो कांग्रेस नेताओं के भ्रष्टाचार की एक झलक भर है। बताया जाता है कि रविवार तक यह गिनती 351 करोड़ रुपए को पार कर चुकी थी। यह नकदी कई बैंक ब्रांचों के पास रहने वाली नकदी से ज्यादा है। यह नकदी आजादी के बाद किसी राजनीतिक दल के सांसद के यहां से बरामद सबसे बड़ी रकम है और यह नकदी किसी भी जांच एजेंसी द्वारा की गई एकल कार्रवाई में ‘‘अब तक की सबसे अधिक’’ जब्ती भी बन गई है।
दूसरी ओर, कांग्रेस जिस तरह से इस मुद्दे पर खामोशी बरते हुए है और अपने सांसद के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है उसको देखते हुए देश की जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इस बीच, भाजपा की प्रदेश इकाइयां भी लगातार कांग्रेस सांसद धीरज साहू के खिलाफ प्रदर्शन कर उनका पुतला फूंक रही हैं। सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान संसद परिसर में भाजपा सांसदों ने इस मुद्दे पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष कांग्रेस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, भाजपा का शुरू से मानना है कि कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचार, अनाचार और अपराधीकरण के लिए जानी जाती है। ये कांग्रेस की रीति-नीति है जिस पर वे काम करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सांसद धीरज साहू के ठिकानों से नोटों की गड्डियां निकल रहीं हैं... अभी तो गिनती जारी है। पता नहीं ये गिनती कहां जाकर रुकेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई पार्टी है। आज भाजपा राहुल गांधी से पूछना चाहती है कि इस पर उनका क्या कहना है? उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ED और IT पर कटाक्ष करती रही हैं लेकिन अब चुप हैं।
वहीं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मुद्दे पर विपक्षी दलों को आड़े हाथ लिया और कहा कि जांच एजेंसियों के दुरुपयोग संबंधी उनका ‘दुष्प्रचार’ इस डर के कारण था कि उनके भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो जाएगा। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने विपक्षी गुट इंडिया के नेताओं की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया और कहा कि वह समझ सकते हैं कि कांग्रेस चुप क्यों है? साथ ही उन्होंने आश्चर्य जताया कि तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, जनता दन यूनाइटेड और राजद जैसी पार्टियां चुप क्यों हैं? शाह ने कहा कि आजादी के बाद से यह किसी सांसद के पास से जब्त की गई सबसे अधिक धनराशि होगी। उन्होंने कहा, 'अब यह समझा जा सकता है कि मोदी सरकार पर यह आरोप क्यों लगा कि वह जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। ऐसा इसलिए था कि क्योंकि उन्हें डर था कि उनके भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो जाएगा।’’ शाह ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित विपक्षी गुट ‘इंडिया’ के नेताओं को इसका जवाब देना चाहिए। शाह ने कहा कि भाजपा इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाएगी। गृह मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार 2014 में सत्ता में आने के बाद से भ्रष्टाचार के खिलाफ काम कर रही है।
हम आपको बता दें कि ओडिशा स्थित बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ आयकर विभाग के छापों में बरामद नकदी की रविवार को पांचवें दिन की गिनती में यह 351 करोड़ रुपये पाई गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह देश में किसी भी जांच एजेंसी द्वारा की गई एकल कार्रवाई में ‘‘अब तक की सबसे अधिक’’ जब्ती बन गई है। आयकर विभाग ने झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू के रांची और अन्य स्थानों पर स्थित परिसरों की भी तलाशी ली है। यह स्पष्ट नहीं है कि साहू के घर से कितनी नकदी और अन्य दस्तावेज जब्त किए गए। हम आपको बता दें कि बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड, उसके प्रवर्तक और अन्य के खिलाफ मैराथन छापेमारी रविवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गई। कर चोरी और ऑफ़-द-बुक (जिसका लेखा-जोखा कंपनी के वित्तीय रिकॉर्ड में नहीं हो) लेनदेन के आरोप में कर अधिकारियों द्वारा छह दिसंबर को छापेमारी शुरू की गई थी। सूत्रों ने बताया कि अब तक गिनती में 351 करोड़ रुपये पाए गए हैं। गिनती में आयकर विभाग और विभिन्न बैंकों के लगभग 80 लोगों की नौ टीमें शामिल थीं, जो सातों दिन 24 घंटे काम कर रही थीं।
सुरक्षा कर्मियों, चालकों और अन्य कर्मचारियों सहित 200 अधिकारियों की एक और टीम गिनती से जुड़े काम में तब शामिल हुई जब कर अधिकारियों को कुछ अन्य स्थानों के अलावा नकदी से भरी 10 अलमारियां मिलीं थी। सूत्रों ने बताया कि नकदी को ओडिशा की विभिन्न बैंक शाखाओं में जमा करने के लिए ले जाने के लिए लगभग 200 बैग और बक्सों का इस्तेमाल किया गया था। आयकर विभाग का मानना है कि यह ‘बेहिसाबी’ नकदी है और व्यापारिक समूह, विक्रेताओं और अन्य द्वारा देशी शराब की नकद बिक्री से अर्जित की गई है। सूत्रों ने कहा कि किसी एक समूह और उससे जुड़ी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई के तहत देश में किसी एजेंसी द्वारा की गई यह अब तक की सबसे अधिक नकदी जब्ती है। इससे पहले इतनी भारी मात्रा में नकदी 2019 में बरामद की गई थी, जब जीएसटी इंटेलिजेंस ने कानपुर के एक व्यवसायी से जुड़े परिसरों पर छापा मारा था और 257 करोड़ रुपये नकद बरामद किए थे। वहीं, जुलाई 2018 में तमिलनाडु में एक सड़क निर्माण फर्म के खिलाफ तलाशी के दौरान आयकर विभाग द्वारा 163 करोड़ रुपये की नकदी का खुलासा किया गया था। विभाग उन अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों के बयान भी दर्ज कर रहा है, जो छापों वाले स्थानों पर मौजूद थे। साथ ही विभाग कंपनी के मुख्य प्रवर्तक को अपने बयान दर्ज कराने के लिए भी समन जारी करेगा। कंपनी और सांसद ने उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाई के संबंध में सवालों का जवाब नहीं दिया है।