UGC ने जारी की गाइडलाइंस उच्च शिक्षा संस्थानों में शाॅर्ट टर्म स्किल कोर्स शुरू करने की मंजूरी,

UGC ने जारी की गाइडलाइंस उच्च शिक्षा संस्थानों में शाॅर्ट टर्म स्किल कोर्स शुरू करने की मंजूरी,

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उच्च शिक्षा संस्थानों में शाॅर्ट टर्म स्किल कोर्स शुरू करने की मंजूरी दे दी है. यूजीसी ने इस संबंध में गाइडलाइंस भी जारी कर दी है. दिशा-निर्देश नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप में तैयार किया गया है. इस दिशा-निर्देश का उद्देश्य सभी स्तरों पर उच्च शिक्षा में स्किल को एकीकृत करने और स्किल के अंतर को मिटाने के लिए शाॅर्ट टर्म उद्योग-प्रासंगिक पाठ्यक्रम (प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम) शुरू करने के लिए आधार तैयार करना है.

कोई भी व्यक्ति जिसने 10+2/सीनियर सेकेंडरी परीक्षा या इसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण की है. वह उच्चा शिक्षा संस्थानों के किसी भी स्नातक कार्यक्रम में प्रवेश के लिए पात्र होगा. मसौदा दिशा-निर्देशों के अनुसार उच्चा शिक्षा संस्थान 3 से 6 महीने के क्रेडिट-लिंक्ड शाॅर्ट टर्म स्किल डेवलपमेंट सर्टिफिकेट कोर्स पेश करेंगे. पाठ्यक्रम उच्च शिक्षा संस्थानों की ओर से डिजाइन किया जाएगा.

कितने क्रेडिट का होगा कोर्स ?

जारी गाइडलाइंस के अनुसार किसी भी स्ट्रीम में शाॅर्ट टर्म स्किल डेवलपमेंट पाठ्यक्रम कम से कम 12 क्रेडिट और अधिकतम 30 क्रेडिट का होना चाहिए. शाॅर्ट टर्म स्किल डेवलपमेंट पाठ्यक्रम में व्यावहारिक शिक्षा पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए. यूजीसी ने इस बात पर भी जोर दिया कि एक शाॅर्ट टर्म स्किल डेवलपमेंट पाठ्यक्रम में अधिकतम छात्र प्रवेश प्रत्येक समूह के लिए 60 से अधिक नहीं होने चाहिए और न्यूनतम संकाय-छात्र अनुपात 1:30 होना चाहिए.

शुरू होंगे ये शाॅर्ट टर्म कोर्स

दिशा- निर्देश के अनुसार उच्च शिक्षा संस्थान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स/औद्योगिक /स्मार्ट सिटीज, डेटा साइंस और एनालिटिक्स जैसे कई क्षेत्रों में शाॅर्ट टर्म स्किल डेवलपमेंट पाठ्यक्रम पेश करने पर विचार कर सकते हैं.

क्लाउड कंप्यूटिंग, आभासी वास्तविकता, संवर्धित वास्तविकता और विस्तारित वास्तविकता, साइबर सुरक्षा और डिजिटल फोरेंसिक, 5जी कनेक्टिविटी, डिजिटल प्रवाह/डिजिटल परिवर्तन, औद्योगिक स्वचालन और रोबोटिक्स प्रक्रिया स्वचालन (आरपीए), इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन/वीएलएसआई डिजाइन, इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण, बेसिक कोडिंग कंप्यूटिंग भाषा, 3डी प्रिंटिंग, डिजिटल मार्केटिंग, सॉफ्ट स्किल्स, स्वास्थ्य और कल्याण, मोबाइल संचार, मोबाइल रिपेयरिंग और डीटीएच इंस्टालेशन की मूल बातें, योग विज्ञान, फैशन टेक्नोलॉजी, फैशन डिजाइन, सिलाई आदि को भी शामिल किया जा सकता है.

इंटर्नशिप की मिलेगी सुविधा

यूजीसी ने कहा कि इसके अतिरिक्त संस्थानों को पाठ्यक्रम पूरा करने वाले सफल छात्रों के लिए रोजगार के अवसर और इंटर्नशिप की सुविधा प्रदान करने के लिए एक योजना विकसित करनी होगी. गाइडलाइंस में कहा गया है कि उच्च शिक्षा संस्थान विश्वसनीयता हासिल करने, प्लेसमेंट के अवसरों, फंडिंग योजनाओं और प्रशिक्षण तक पहुंच और नवीनतम पाठ्यक्रम सामग्री सुनिश्चित करने के लिए संबंधित क्षेत्र कौशल परिषदों/पुरस्कार देने वाली संस्थाओं और उद्योगों के साथ सहयोग कर सकता है.

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