शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने बुधवार को अपनी पार्टी के नेता उद्धव ठाकरे का नाम तब लिया जब एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या 2024 के आम चुनावों के लिए इंडिया ब्लॉक के पास प्रधान मंत्री पद का चेहरा होना चाहिए। हालाँकि, उन्होंने सीधे तौर पर ठाकरे का नाम दौड़ में डालने से बचते करते हुए कहा कि वह ऐसा कुछ भी नहीं कहना चाहते जिससे पार्टियों के बीच दरार पैदा हो। इंडिया को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर चर्चा होगी। वास्तव में एक चेहरा होना चाहिए। उद्धव ठाकरे एक हिंदुत्ववादी, राष्ट्रवादी चेहरा हैं। जिस व्यक्ति को इंडिया गठबंधन के सदस्यों की मंजूरी मिलेगी, वह (पीएम) चेहरा हो सकता है। मैं बाहर कुछ भी नहीं कहना चाहता जिससे गठबंधन में कोई दरार पैदा हो।
राउत ने आगे कहा कि आज शाम को बैठक होने वाली थी... ममता जी के घर में कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि स्टालिन जी राज्य में बाढ़ की स्थिति को लेकर काम कर रहे हैं और बाकी के नेताओं के भी कुछ कार्यक्रम है, इन तमाम चीज़ों को देखते हुए हमने तय किया कि हम 16 या 18 दिसंबर को बैठक करेंगे। आपको बता दें कि तीन हिंदीभाषी राज्यों में हालिया विधानसभा चुनाव हारने के बाद कई इंडिया ब्लॉक पार्टियों ने भाजपा विरोधी गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका निभाने के कांग्रेस पार्टी के अधिकार पर सवाल उठाया है। गठबंधन में दरार तब और स्पष्ट हो गई है जब कई घटक दलों ने आज इसकी बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया, जिसे कांग्रेस पार्टी ने चुनावी हार के बाद बुलाया था।
छह दिसंबर को दिल्ली में प्रस्तावित बैठक के ‘रद्द होने’ को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में लालू प्रसाद ने यह जानकारी दी। कयास लगाए जा रहे थे ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक में कई नेताओं ने शामिल होने को लेकर अनिच्छा जताई थी। कांग्रेस के सहयोगी और नेहरू-गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले लालू प्रसाद ने कहा, ‘‘बैठक अब 17 दिसंबर के लिए पुनर्निर्धारित की गई है।’’ अटकलें लगाई जा रही थीं कि लालू प्रसाद के सहयोगी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को बैठक में शामिल होने के लिए अनिच्छुक थे। हाल ही में एक जनसभा में नीतीश कुमार ने हाल में संपन्न राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में ‘इंडिया’ गठबंधन की उपेक्षा करने के लिए कांग्रेस पर हमला बोला था। इन राज्यों के चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद, कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के कई नेताओं ने कहा था कि कांग्रेस ने क्षेत्रीय दलों को साथ नहीं लेकर अपने दम पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लड़ने की कोशिश करके गलती की है।