बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों की ही मिलीभगत से विभाग से संंबंधित अंदरूनी जानकारियां बाहरी ठग टाइप के लोगों को देकर वसूली का संगठित गिरोह चलाने के आरोप में खंड शिक्षा अधिकारी समेत पांच लोगों के खिलाफ शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई है। जांच समिति ने खंड शिक्षा अधिकारी की बर्खास्तगी की सिफारिश कर दी है।
यहां से आया मामला लाइमलाइट में
बीती पांच सितंबर को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के लेटर पैड पर आलाेक कुमार मिश्र ने डीएम एमपी सिंह और बीएसए विजय प्रताप सिंह से शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में कहा था कि पिहानी कोतवाली क्षेत्र के कुल्लही निवासी विमलेश शर्मा, शहर कोतवाली क्षेत्र के सुभाष नगर निवासी अतुल कुमार सिंह और आशा निवासी राम शरण गुप्ता एक संगठित गिरोह चलाते हैं। विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों की शिकायत कर आर्थिक शोषण करते हैं। बड़ी संख्या में कर्मचारियों और अधिकारियों से जुड़ी व्यक्तिगत जानकारियां सूचना का अधिकार के माध्यम से मांगते हैं। डीएम ने इस पत्र पर तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी। जांच समिति में एसडीएम शाहाबाद, सीओ शाहाबाद और बीएसए शामिल थे।
जांच के दौरान टीम को पता चला कि इस पूरे खेल के पीछे कुछ विभागीय लोग भी शामिल हैं। इस जानकारी पर डीएम ने बेहंदर के तत्कालीन बीईओ अशोक कुमार यादव, कनिष्ठ लिपिक मधुर पाल के मोबाइल फोन जब्त करा लिए और साइबर सेल से इसकी जांच कराई। जांच में पता चला कि अशोक कुमार यादव, विमलेश शर्मा को लगातार विभागीय जानकारियां दे रहे थे । अधिकांश शिकायतें विमलेश शर्मा, भगत बाबा तेजगिरि ही तैयार करते थे। सोशल मीडिया में शिकायतों की सुरसुरी छोड़कर उगाही की जाती थी।
जांच रिपोर्ट के आधार पर इस सिंडिकेट के खंड शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार यादव के साथ ही कुल्लही निवासी विमलेश शर्मा, सुभाष नगर निवासी अतुल कुमार सिंह, आशा निवासी राम शरण गुप्ता और चांद बेहटा निवासी भगत बाबा तेज गिरि के खिलाफ जालसाजी, भयभीत करके वसूली करने, गोपनीय दस्तावेजों को अवांछित लोगों तक पहुंचाने और दूसरों को नुकसान पहुंचाने की साजिश करने जैसी संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।